Sudan Civil War: सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच सत्ता हासिल करने के लिए आर-पार की लड़ाई जारी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारतीय जहाज और विमान भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए तैयार हैं. जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार रखे गए हैं.
Trending Photos
War in Sudan: हिंसा की आग में जल रहे सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू हो गया है. भारतीयों का जत्था आईएनएस सुमेधा पर सवार होकर वहां से जेद्दा के लिए रवाना हो गया है. 278 लोगों को लेकर जहाज सूडान के बंदरगाह से सऊदी अरब के शहर जेद्दा के लिए रवाना हुआ.हिंसाग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत ने सोमवार को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा, 'ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान में फंसे भारतीयों का पहला जत्था रवाना हो गया है. आईएनएस सुमेधा पर सवार होकर 278 लोग सूडान के बंदरगाह से जेद्दा के लिए रवाना हो गए हैं.'
सूडान में आर-पार की लड़ाई जारी
सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच सत्ता हासिल करने के लिए आर-पार की लड़ाई जारी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारतीय जहाज और विमान भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए तैयार हैं. जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार रखे गए हैं. साथ ही, भारतीय नौसेना के एक जहाज आईएनएस सुमेधा को इलाके में एक अहम बंदरगाह पर रखा गया था.सूडान में वहां की सेना और एक अर्द्धसैनिक समूह के बीच पिछले 12 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
First batch of stranded Indians leave Sudan under #OperationKaveri.
INS Sumedha with 278 people onboard departs Port Sudan for Jeddah. pic.twitter.com/4hPrPPsi1I
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 25, 2023
सूडान में तीन दिन का सीजफायर
दूसरी ओर सूडान में जंग लड़ रहे दोनों समूह तीन दिन के सीजफायर पर सहमत हो गए हैं.वह इसलिए क्योंकि कई देश अपने लोगों को वहां से निकालने की कोशिशों में जुटे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू होकर 72 घंटे तक चलने वाले सीजफायर को लागू करने पर सहमत हुए हैं.
बमबारी से सहमे लोग
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के मुताबिक, सीजफार की पिछली कोशिशें नाकाम रही हैं. 15 अप्रैल को भड़की लड़ाई में कम से कम 427 लोगों की मौत हो गई और 3,700 से ज्यादा घायल हो गए हैं. जब से हिंसा शुरू हुई है, जंग की मार झेल रही राजधानी खार्तूम के नागरिकों को अंदर रहने के लिए कहा गया है. इसके अलावा खाने और पानी की सप्लाई कम हो रही है. बमबारी के कारण पानी की पाइपलाइन प्रभावित हुई है. कुछ लोगों को नील नदी का पानी पीने को मजबूर होना पड़ा है.
(इनपुट-एजेंसियां )