Morocco Earthquake: बाहर बैठे थे लोग, अचानक इतनी जोर से कांपी जमीन; 1000 से ज्यादा समा गए काल के गाल में
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Morocco Earthquake: बाहर बैठे थे लोग, अचानक इतनी जोर से कांपी जमीन; 1000 से ज्यादा समा गए काल के गाल में

Morocco Earthquake: मोरक्को में शुक्रवार देर रात आये विनाशकारी भूकंप में 1 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई. भूकंप की वजह से ऐतिहासिक मराकेश शहर से लेकर एटलस पर्वत पर स्थित गांवों तक कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं.

Morocco Earthquake: बाहर बैठे थे लोग, अचानक इतनी जोर से कांपी जमीन; 1000 से ज्यादा समा गए काल के गाल में

Morocco Earthquake: मोरक्को में शुक्रवार देर रात आये विनाशकारी भूकंप में 1 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई. भूकंप की वजह से ऐतिहासिक मराकेश शहर से लेकर एटलस पर्वत पर स्थित गांवों तक कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई देशों के नेताओं ने मोरक्को को मदद की पेशकश की है.

लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,037 हो गई है और 1,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचाव कर्मी दूरदराज के प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. घरों में सो रहे लोग भूकंप आने पर बाहर भागने लगे. सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में दिख रहा है कि लोग देर रात मराकेश शहर की सड़कों पर हैं और इमारतों के अंदर वापस जाने से डर रहे हैं.

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एक व्यक्ति ने बताया कि वह पास के एक अपार्टमेंट में जा रहा था, तभी बर्तन और दीवार पर लटकी चीजें गिरने लगीं.एक महिला ने बताया कि ‘तीव्र कंपन’ महसूस करने के बाद वह अपने घर से बाहर निकल आई. एक बच्चे को गोद में लिए हुए एक व्यक्ति ने कहा कि वह भूकंप के झटके के कारण जाग गया. पीले रंग के जैकेट पहने आपात सेवा कर्मी इमारतों के मलबे में दबे जीवित लोगों की तलाश कर रहे थे.

मोरक्को की मीडिया ने बताया कि मराकेश शहर के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से शामिल 12वीं सदी की कुतुबिया मस्जिद को नुकसान पहुंचा है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्षति कितनी हुई है. इसकी 69-मीटर (226-फुट) मीनार को ‘मराकेश की छत’ के रूप में जाना जाता है.

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मोरक्को वासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में तब्दील हुई दिख रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है. मराकेश के चारों ओर बनी प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मराकेश यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है.

 

मोरक्को के गृह मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि कम से कम 1037 लोगों की मौत हुई है और इनमें से ज्यादातर मराकेश और भूकंप के केंद्र के पास के पांच प्रांतों से हैं. मंत्रालय के मुताबिक, 1200 से अधिक लोग घायल हैं. भूकंप के केंद्र के पास स्थित एक शहर के प्रमुख ने मोरक्को की समाचार साइट ‘2एम’ को बताया कि निकटवर्ती शहरों के कई मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह ढह गए हैं, कुछ स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और सड़क मार्ग अवरूद्ध हो गए हैं.

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तलत एन याकूब शहर के प्रमुख अब्दर्रहीम ऐत दाउद ने बताया कि प्राधिकारी प्रांत में सड़कों को साफ कर रहे हैं, ताकि एम्बुलेंस वहां से गुजर सके और प्रभावित आबादी को सहायता मुहैया कराई जा सके. उन्होंने कहा कि पर्वत पर स्थित गांवों के बीच अत्यधिक दूरी होने के कारण नुकसान का आकलन करने में समय लगेगा. स्थानीय मीडिया ने बताया कि भूकंप के केंद्र के आसपास के पर्वतीय क्षेत्र की ओर जाने वाले सड़क मार्ग अवरूद्ध हो जाने के कारण बचाव अभियान धीमा है.

 

मोरक्को की सेना और आपात सेवा के कर्मी नुकसान से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता की कोशिश कर रही हैं, लेकिन भूकंप के केंद्र के आसपास के पर्वतीय क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़कें वाहनों और चट्टानों के मलबे से अवरुद्ध हो गईं, जिससे बचाव अभियान धीमा है. आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘एमएपी’ ने बताया कि कंबल,तंबू और प्रकाश संबंधी उपकरणों से लदे ट्रकों को बुरी तरह प्रभावित इलाकों में जाने की कोशिश की जा रही है.

मराकेश शहर से अल हाउज़ तक खड़ी और घुमावदार सड़कों पर, सायरन बजाती और हॉर्न बजाते वाहन जाते दिखे. जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मोरक्को में भूकंप के कारण लोगों की मौत से अत्यधिक दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं. अपने प्रियजन को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. भारत इस मुश्किल वक्त में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.’’

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी ‘एक्स’ पर मोरक्को के प्रति संवेदना व्यक्त की. संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र भूकंप प्रभावित आबादी की सहायता के प्रयासों में मोरक्को सरकार की सहायता करने के लिए तैयार है.’’ अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि रात 11 बजकर 11 मिनट पर आए भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 6.8 थी और भूकंप बाद के झटके कई सेकंड तक महसूस किये गए. अमेरिकी एजेंसी ने 19 मिनट बाद भी 4.9 तीव्रता का झटका महसूस किये जाने की सूचना दी.

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शुक्रवार को आए इस भूकंप का केंद्र मराकेश से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण में अल हौज प्रांत के इघिल शहर में था. यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 18 किलोमीटर की गहराई में था, जबकि मोरक्को की भूकंप निगरानी एजेंसी के मुताबिक, इसका केंद्र आठ किलोमीटर गहराई में था. उत्तरी अफ्रीका में भूकंप अपेक्षाकृत कम आते हैं.

‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स’ में भूकंपीय निगरानी और चेतावनी विभाग के प्रमुख लाहकन म्हन्नी ने ‘2एम’ टीवी से कहा कि यह क्षेत्र में आया अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है. मोरक्को के अगादिर शहर के पास 1960 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी. इस भूकंप के बाद मोरक्को में भवन निर्माण संबंधी नियमों में बदलाव किया गया था, लेकिन कई इमारतें, खासकर गांवों में मकान भूकंप रोधी नहीं हैं.

भूमध्यसागर के तटीय शहर अल होसेइमा के पास 2004 में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. ‘पुर्तगीज इंस्टीट्यूट फॉर सी एंड एटमॉस्फियर’ और अल्जीरिया की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया तक महसूस किए गए.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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