Monkeypox: जर्मनी में मिला मंकीपॉक्स का सबसे खतरनाक केस, काला घाव बन सड़ रही मरीज की नाक
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Monkeypox: जर्मनी में मिला मंकीपॉक्स का सबसे खतरनाक केस, काला घाव बन सड़ रही मरीज की नाक

Monkeypox Virus: इस मरीज में एड्स और सिफलिस की भी पुष्टि हुई है. सिफलिस उसके अंगों में बहुत ज्यादा फैल गया है. डॉक्टरों का कहना है कि उसकी त्वचा के घाव एंटी-वायरल दवा से सूख गए हैं, लेकिन इससे उसकी नाक को राहत नहीं मिली है. नाक की स्थिति काफी हद तक पहले जैसी ही है.

जर्मनी में रहने वाले इसी मरीज की सड़ रही है नाक

Monkeypox Virus Rare Case: दुनिया में मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. धीरे-धीरे यह बीमारी 90 से ज्यादा देशों में फैल चुकी है. आए दिन इसे लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं, इसके नए लक्षण मिल रहे हैं. इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए इस पर लगातार रिसर्च भी जारी है. इस बीच मंकीपॉक्स का अब तक का सबसे चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस केस में मंकीपॉक्स (Monkeypox) से पीड़ित व्यक्ति की नाक ही सड़ने लगी है. इस मरीज को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

पहले लाल धब्बे, फिर सड़ने लगी नाक

रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी में रहने वाले 40 वर्षीय एक शख्स को कुछ दिन पहले नाक पर एक लाल धब्बा दिखाई दिया. वह फौरन डॉक्टर के पास गया और दिक्कत बताई. डॉक्टर ने दाने को देखकर कहा कि, यह सनबर्न है. कुछ दिन बाद उस शख्स की हालत खराब होती गई और नाक पर बने लाल धब्बे का रंग काला हो गया और उसने बड़े घाव का रूप ले लिया. उसकी नाक सड़ने लगी थी. इसके बाद वह फिर से डॉक्टर के पास पहुंचा.  

मंकीपॉक्स की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

मेडिकल जर्नल इंफेक्शन के अनुसार, डॉक्टरों ने चेक किया तो नाक के अलावा उसके पूरे शरीर पर, विशेष रूप से उसके मुंह के आसपास और उसके पाइवेट पार्ट्स पर मवाद से भरे घाव मिले. इसके बाद उसका मंकीपॉक्स का टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. मंकीपॉक्स की पुष्टि होते ही डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया. राहत के लिए उसे एंटी-वायरल दिया गया.    

एड्स और सिलफिस की भी हुई पुष्टि

डॉक्टरों ने इलाज को आगे बढ़ाते हुए उसका एसटीआई टेस्ट भी किया गया. जब इसकी रिपोर्ट आई तो डॉक्टरों की परेशानी और बढ़ गई. दरअसल, इस मरीज में एचआईवी और सिफलिस दोनों की पुष्टि हुई. सिफलिस उसके अंगों में बहुत ज्यादा फैल गया है. आगे के टेस्ट में एचआईवी एडवांस रूप एड्स तक पहुंच चुका था. डॉक्टरों का कहना है कि उसकी त्वचा के घाव एंटी-वायरल दवा से सूख गए हैं, लेकिन इससे उसकी नाक को फायदा नहीं पहुंचा है. नाक की स्थिति काफी हद तक पहले जैसी ही है. डॉक्टरों का कहना है कि मंकीपॉक्स का इतना गंभीर केस अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन इसकी गंभीरता की वजह मरीज का एड्स और सिफलिस से पीड़ित होना है.

क्या होता है सिफलिस

सिफलिस (syphilis) एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है. यह आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने पर फैलता है. जिस बैक्टीरिया की वजह से यह होता है, उसे ट्रैपोनेमा पैलिडम (treponema pallidum) कहते हैं. यह किसी संक्रमित के साथ वजाइनल, ओरल/एनल सेक्स करने या किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स टॉय शेयर करने से फैलता है.

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