Private Armies: दुनिया में मौजूद हैं ‘वैग्नर’ जैसी कई खतरनाक प्राइवेट सेनाएं, क्या है इनका काम, कितनी है ताकत?
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Private Armies: दुनिया में मौजूद हैं ‘वैग्नर’ जैसी कई खतरनाक प्राइवेट सेनाएं, क्या है इनका काम, कितनी है ताकत?

Private Armies Of The World: रूस में तख्त पलट की नाकाम कोशिश करने वाले वैग्नर ग्रुप ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. यह एक प्राइवेट आर्मी है जिसके नेता का नाम है येवगेनी प्रिगोझिन. वैग्नार ग्रुप के सशस्त्र विद्रोह के बाद से प्राइवेट सेनाओं के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों में बड़ी है.

Private Armies: दुनिया में मौजूद हैं ‘वैग्नर’ जैसी कई खतरनाक प्राइवेट सेनाएं, क्या है इनका काम, कितनी है ताकत?

Private Armies News: रूस में तख्त पलट की नाकाम कोशिश करने वाले वैग्नर ग्रुप ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. यह एक प्राइवेट आर्मी है जिसके नेता का नाम है येवगेनी प्रिगोझिन. वैग्नार ग्रुप के सशस्त्र विद्रोह के बाद से प्राइवेट सेनाओं के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों में बड़ी है. दरअसल राष्ट्रों की अपनी सेनाओं के अलावा भी दुनिया में कई प्राइवेट आर्मी हैं. दुनिया भर में हथियारबंद संघर्ष बढ़ रहे हैं, उन्हें संभालने के लिए या खत्म करने के लिए ऐसी सेनाओं की जरुरत पड़ती है. जानते हैं दुनिया की कुछ प्रमुख प्राइवेट आर्मी के बारे में:-

वैग्नर ग्रुप
इसे रूस की सबसे खतरनाक प्राइवेट आर्मी माना जाता है. यूक्रेन संघर्ष के अलावा यह कई देशों में ऑपरेशन कर चुकी है. इनमें- सीरिया, लीबिया वेनेजुएला, मोजाम्बिक शामिल हैं. वैग्नर ग्रुप के नेता प्रिझोगिन का रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छा संबंध माना जाता है लेकिन बाद में दोनों के रिश्ते बिगड़ गए.

ऐकेडमी
इसे दुनिया की सबसे आधुनिक प्राइवेट आर्मी माना जाता है. यह आर्मी मीडिल ईस्ट, न्यू ओरलींस में कैटरीना हरिकेन से समय राहत अभियान में काम कर चुकी है. यह जापान में मिसाइल डिफेंस सुरक्षा भी संभाल रही है.एकेडेमी पर कुछ अवैध शूटआउट के आरोप लग चुके हैं. इन आरोपों के बाद इसने अपनी सैनिकों की संख्या कम कर दी है.

ट्रिपल कैनोपी
इस निजी सेना के पास 1.5 बिलियन (12,224 करोड़ रुपये) डॉलर्स के कॉन्ट्रैक्ट हैं. इराक से अमेरिकी सेनाओं के निकलने के बाद से यह वहां तैनात हैं. यह सेना हैती में अमेरिकी दूतावास की सुरक्षा भी करती है.

डिफाइन इंटरनेशनल
इस प्राइवेट आर्मी के लड़ाके कई विकासशील देशों में तैनात हैं. पेरू के लीमा सीमा में स्थित इस सेना के दफ्तर दुबई, फिलीपींस, श्रीलंका और इराक में भी हैं.

एजीस डिफेंस सर्विसेस
इस प्राइवेट आर्मी के सैनिक यूएन, यूएस और तेल कंपनियों के लिए काम करते हैं. 60 ज्यादा देशों में ऑपरेशन कर चुकी इस आर्मी का हेडक्वार्टर स्कॉटलैंड में है.

डिनकॉर्प
इसकी गिनती भी दुनिया के सबसे ताकतवर निजी सेनाओं में होती है. वर्जीनिया की इस कंपनी के पास 10 हजार से अधिक सैनिक बताए जाते हैं. यह प्राइवेट आर्मी तीन महाद्वीपों- अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका में अपनी सेवाएं दे रही हैं.

जी4एस सिक्योरिटी
दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार देने वाली कंपनियों में इसका शुमार  होता है. यह 125 देशों में काम कर रही है. कंपनी बैंक, जेल,एयरपोर्ट सुरक्षा जैसे काम में लगी है और इसके साथ क्राइसिस जोन में भी काम करती है.

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