US-IRAN Deal: वाशिंगटन और तेहरान की डील की काफी आलोचना हो रही थी, खास तौर से से रिपब्लिकन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से, जिन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन के कदम ने ईरान को हमास को संभावित समर्थन के लिए पैसा जारी करने का अवसर दिया.
Trending Photos
World News in Hindi: कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका और कतर हाल ही में ट्रांसफर्ड फंड में ईरान की 6 अरब डॉलर की पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं. यह फंड वाशिंगटन और तेहरान के बीच एक समझौते का हिस्सा था, जिसके परिणामस्वरूप पिछले महीने ईरान से पांच कैद अमेरिकियों की रिहाई हुई थी.
डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी वैली एडयेमो ने गुरुवार (12 अक्टूबर) को हाउस डेमोक्रेट्स को सूचित किया कि ईरान अब इन फंडों तक पहुंच नहीं पाएगा.
बता दें वाशिंगटन और तेहरान की डील की काफी आलोचना हो रही थी, खास तौर से से रिपब्लिकन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से, जिन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन के कदम ने ईरान को हमास को संभावित समर्थन के लिए पैसा जारी करने और गाजा स्थित आतंकवादी ग्रुप द्वारा इज़राइल पर किए जा रहे घातक हमले को मजबूती देने का काम किया.
वहीं बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि इजरायल पर हमास के हालिया हमले में ईरानी संलिप्तता का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है. तेहरान द्वारा हमास के साथ-साथ लेबनान स्थित हिजबुल्लाह को लंबे समय से जारी समर्थन और इजरायल में जारी युद्ध को देखते हुए ईरान के संबंध में बाइडेन प्रशासन की क्लीन चिट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं.
आगे क्या?
यह स्पष्ट नहीं है कि क्या बाइडेन प्रशासन स्थायी रूप से इन फंडों में कटौती करने का इरादा रखता है या इजरायल के खिलाफ हमास के नवीनतम हमले के साथ ईरान के संभावित संबंध के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए अंतरिम कदम उठा रहा है.
हालांकि, इस निर्णय से तेहरान को झटका लग सकता है क्योंकि कैदियों की अदला-बदली प्रक्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी है.
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि ईरान की फंड तक पहुंच को ब्लॉक कर दिया गया है. हालांकि उन्होंने बताया कि कतर को हस्तांतरित धन का उपयोग या खर्च ईरान द्वारा नहीं किया गया था.
यह पैसा मूल रूप से कैदी विनिमय समझौते के हिस्से के रूप में दक्षिण कोरियाई बैंकों से स्थानांतरित किया गया था. हालाँकि, अमेरिकी प्रतिबंधों की चिंताओं के कारण ईरान को इस तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सौदे के हिस्से के रूप में, धनराशि को कतर के बैंकों में स्थानांतरित कर दिया गया ताकि ईरान उनका उपयोग कर सके.