Rishi Sunak: ऋषि सुनक के ब्रिटिश PM बनने में भी भारतीय विपक्षी दलों ने ढूंढ ली राजनीति, पीएम मोदी पर कसने लगे तंज
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Rishi Sunak: ऋषि सुनक के ब्रिटिश PM बनने में भी भारतीय विपक्षी दलों ने ढूंढ ली राजनीति, पीएम मोदी पर कसने लगे तंज

UK News: दिवाली के मौके पर भारतवंशी ऋषि सुनक के ब्रिटेन का नया पीएम बनने की खबर से देश में खुशी का माहौल है. लेकिन देश के विपक्षी नेताओं ने इसमें भी मोदी सरकार को घेरने का मौका ढूंढ लिया है. 

ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक (फाइल फोटो)

New UK Prime Minister Rishi Sunak: भारतवंशी ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटिश इतिहास में पहले अश्वेत और भारतीय मूल के पीएम नामित हो चुके हैं. कंजर्वेटिव पार्टी से आने वाले सुनक अब जल्द ही ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स के सामने पद की शपथ लेंगे. उनके पीएम बनने पर भारत में भी खुशी लहर है और लोग सोशल मीडिया पर इसे भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव से जोड़ रहे हैं. भारतीय विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. लेकिन हर बार की तरह उन्होंने इस मुद्दे में भी राजनीति ढूंढ ली है और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर तंज कसे हैं.

तृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कसा तंज

तृणमूल कांग्रेस की फायरब्रांड नेता और सांसद महुआ मोइत्रा ने सुनक के ब्रिटिश पीएम बनने पर कहा, 'ब्रिटिश एशियाई को मौका देने के लिए मेरे दूसरे पसंदीदा देश यूके पर गर्व है. काश भारत अधिक सहिष्णु और सभी धर्मों, सभी पृष्ठभूमियों को स्वीकार करने वाला हो.'

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में हार झेल चुके कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'अगर ऐसा होता है तो मुझे लगता है कि ब्रितानियों ने सबसे ताकतवर ऑफिस में एक अल्पसंख्यक सदस्य को रखकर दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है. जैसा कि हम भारतीय ऋषि सुनक  (Rishi Sunak) की सफलता का जश्न मना रहा हैं. ऐसे में हमें ईमानदारी से पूछना होगा कि क्या ऐसा भारत में भी हो सकता है.' 

'बहुसंख्यकवाद को फॉलो करने वाली पार्टियों के लिए सबक'

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर हमला बोला. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 'पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सनक. अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाकर उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है. मुझे लगता है कि यह भारत और बहुसंख्यकवाद को फॉलो करने वाली पार्टियों को इससे सबक सीखना चाहिए.'

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी मोदी सरकार को घेरने में पीछे नहीं रहीं. महबूबा ने ट्वीट करके कहा, 'गर्व की बात है कि ब्रिटेन को पहला भारतवंशी प्रधानमंत्री मिला है. भारत में इसे सही तरीके से सेलिब्रेट किया जा रहा है. इसके साथ ही हमें यह भी याद रखने की जरूरत है कि ब्रिटेन ने एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को अपना पीएम स्वीकार किया है. जबकि हम लोगों में भेद पैदा करने वाले कानूनों NRC और CAA में उलझे रहे हैं.'

सुनक के ब्रिटिश पीएम बनने पर आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. हालांकि उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करने से बचने की कोशिश की. चड्ढा ने कहा, 'आज, जब भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने 75वें वर्ष में दिवाली मना रहा है, यूके को भारतीय मूल का प्रधानमंत्री मिला है. इतिहास खुद को दोहराता है. बधाई हो ऋषि सुनक  (Rishi Sunak), हैप्पी दिवाली!' 

'किसने सोचा था, 75 साल में पासा पलट जाएगा'

वहीं बीजेपी ने रिषी सुनक की ब्रिटिश पीएम के रूप में ताजपोशी को भारतीय अस्मिता से जोड़ा है. बीजेपी की प्रवक्ता प्रीति गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'तो इसकी पुष्टि हो गई है. दिवाली के दिन, ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के हिंदू प्रधानमंत्री के रूप में इतिहास रचेंगे. किसने सोचा था कि महज 75 साल में पासा पलट जाएगा!!'

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी सुनक को बधाई दी. उन्होंने लिखा, 'एक ऐतिहासिक दिन! ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने जाने पर ऋषि सुनक  (Rishi Sunak) को बधाई. ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के पीएम बने. दुनिया भर में भारतीय मूल के लोगों को आप पर गर्व है.' 

बोरिस और पेनी ने पीएम पद से खींचे हाथ

बताते चलें कि लिज ट्रस के अचानक इस्तीफे की वजह से सुनक  (Rishi Sunak) को ब्रिटेन का नया पीएम बनने का मौका मिला है. ट्रस 45 दिनों तक ब्रिटेन की पीएम रहीं. बोरिस जॉनसन सरकार में सुनक (42) ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री रहे हैं. ट्रस के इस्तीफे के बाद नया पीएम चुनने की प्रक्रिया में ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन मिला, जबकि उन्हें जीत के लिए न्यूनतम 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी. सुनक के सामने बोरिस जॉनसन और पेनी मॉर्डंट के उतरने की संभावना थी. लेकिन दोनों ने इस रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया. जिसके बाद कंजरवेटिव की प्रभावशाली समिति 1922 पार्टी ने सुनक को विजयी घोषित कर दिया. 

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