USA Birthright Citizenship: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जन्मजात नागरिकता कानून में बदलाव लाने के फैसले पर अमेरिका में रह रहे भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने ट्रंप के इस फैसले को असंवैधानिक बताया है.
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USA Birthright Citizenship: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद से कई सख्त फैसले ले चुके हैं. ट्रंप के इन फैसलों का विरोध भी हो रहा है. बता दें कि ट्रंप ने अेमरिका की दशकों पुरानी जन्मजात नागरिकता कानून में बदलाव करने का फैसला लिया है. इस फैसले को लेकर एक ओर जहां 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने मुकदमा दर्ज किया है तो वहीं अब USA के भारतीय-अमेरिकी सांसदों भी इसके विरोध में उतर आए हैं.
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ट्रंप के फैसले से गुस्साए भारतीय-अमेरिकी
ट्रंप के नागरिकता कानून में बदलाव करने को लेकर नाराज भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा,' जन्मजात नागरिकता कानून में बदलाव करने से न केवल अवैध और बिना डॉक्यूमेंट वाले अप्रवासियों के नवजात बच्चों पर असर पड़ेगा बल्कि इससे H-1B वीजा के जरिए देश में वैध तरीके से रह रहे लोगों पर भी बुरा असर पड़ेगा.' बता दें कि H1-B वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को अपने यहां काम करने का मौका देती है. इस वीजा के जरिए लगभग हर साल भारत समेत कई देश अमेरिका में प्रवास करने आते हैं.
फैसले को बताया असंवैधानिक
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार ने कहा,' डोनाल्ड ट्रंप चाहे जो भी कहें या करें, जन्मजात नागरिकता देश का कानून है और रहेगा. मैं इसे हर कीमत पर बचाने के लिए लड़ूंगा.' वहीं एक दूसरी भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने ट्रंप के इस फैसले को असंवैधानिक बताया. उन्होंने कहा,' साफ-साफ कहें तो यह असंवैधानिक है. इसे महज एक आदेश पर हस्ताक्षर करके नहीं किया जा सकता. अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह हमारे देश के कानूनों और संविधान में स्थापित मिसालों का मजाक होगा.'
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भारतीयों पर कैसे पड़ेगा असर?
बता दें कि ट्रंप के जन्मजात नागरिकता को खत्म करने से अमेरिका में रह रहे कई प्रवासियों पर काफी असर पड़ेगा. वहीं भारतीयों पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ सकता है. अमेरिका में करीब 49 लाख से भी अधिक भारतीय रहते हैं, जिनें से 1-2 तिहाई अप्रवासी हैं और 34 प्रतिशत अमेरिका में पैदा हुए हैं. ट्रंप के इस फैसले से इन 34 प्रतिशत भारतीयों में से कई लोगों को भविष्य में परेशानी आ सकती है. उन्हें अपने बच्चे की नागरिकता के लिए लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा.