Rajnath Singh US Visit: राजनाथ सिंह और ऑस्टिन लॉयड (Lloyd Austin) की बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा होने की संभावना है. इस दौरान वे विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श करेंगे.
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India US military relations: भारत की बढ़ती ताकत से दुनिया हैरान है. सुपरपावर अमेरिका का फोकस नई दिल्ली के संग सैन्य/रक्षा संबंध मजबूत करने पर है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अपने दफ्तर में राजनाथ सिंह की अगवानी करने को बेताब है. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की इस मुलाकात का एजेंडा सीक्रेट रखा गया है. पेंटागन से मिली खास जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह अमेरिका (Rajnath Singh US Visit) जा रहे हैं. जहां पेंटागन में 23 अगस्त को अमेरिकी रक्षा मंत्री देश के रक्षा मुख्यालय पेंटागन में भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह की मेजबानी करेंगे. पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारत के साथ संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं. ये हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. एक यात्रा होने वाली है और जब हमारे पास इस बारे में और जानकारी होगी, तो हम निश्चित रूप से साझा करेंगे.’
मीटिंग का एजेंडा सीक्रेट
राजनाथ सिंह और ऑस्टिन की बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा होने की संभावना है. इस दौरान वे विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श करेंगे. सबरीना सिंह ने बैठक के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा, ‘मैं मंत्री की किसी भी बैठक के बारे में पहले नहीं बताऊंगी.’
ज्यादा जानकारी देने से इनकार
उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा की तरह उनकी बैठक का विवरण देंगे. मेरे पास आपको देने के लिए फिलहाल इससे अधिक जानकारी नहीं है.’
पेंटागन की अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच बहुत मजबूत सैन्य संबंध (India US military relations) हैं. सबरीना सिंह ने कहा, ‘आप जानते हैं कि (रक्षा) मंत्री (ऑस्टिन) हिंद-प्रशांत की अपनी एक यात्रा के दौरान भारत गए थे. जब हिंद-प्रशांत की बात आती है तो भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है और वह हमारा मार्गदर्शन करने वाली एनडीएस (राष्ट्रीय रक्षा रणनीति) के लिए भी अहम है. इस विभाग का ध्यान हिंद-प्रशांत और चीन से मिलने वाली बढ़ती चुनौतियों पर केंद्रित है और भारत ने इसमें एक बेहतरीन साझेदार के रूप में अपनी भूमिका निभाई है. इसलिए, हमारे सैन्य संबंध मजबूत हैं.’
चीन-पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
इस 'सीक्रेट' मीटिंग से पाकिस्तान और चीन को मिर्ची लगने जा रही है. पाकिस्तान इसलिए परेशान है कि जो अमेरिका कभी इंडिया को अरदब में लेने के लिए उसे 1947 से करोड़ों-अरबों की खैरात लुटाकर हथियार बांटता था, उसने 'इस्लामाबाद' से कन्नी काट ली है. चीन तो पहले से ही अमेरिका से तपा बैठा है. चीनी आका बीते 80 साल से मानो एक ही ख्वाब देख रहे हैं. बीजिंग के लोग अमेरिका का सुपरपावर वाला तमगा हथियाना चाहता है. विस्तारवादी चीन को लगता है कि जो अमेरिका, ताईवान के साथ मिलकर उसकी नाक में दम कर सकता है, वो भारत से मिल गया तो क्वाड (भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान-अमेरिका) की पावर से उसकी सारी हेकड़ी निकल जाएगी. जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स और तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजिंग से लेकर वाशिंगटन में बैठे शी जिनपिंग के अफसर राजनाथ और लॉयड की भावी मीटिंग पर नजर बनाए हुए हैं.
(एजेंसी इनपुट)