कौन हैं स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम ‘फर्स्ट मिनिस्टर’? पाकिस्तान से है गहरा संबंध
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कौन हैं स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम ‘फर्स्ट मिनिस्टर’? पाकिस्तान से है गहरा संबंध

37 वर्षीय स्कज्ञॅटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के नेता यूसुफ इस पद के लिए चुने गए अभी तक के सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं. एसएनपी के नेता के रूप में सोमवार को चुने जाने के बाद मंगलवार को हुए मतदान में यूसुफ को फर्स्ट मिनिस्टर चुनने के पक्ष में 71 वोट पड़े.

 

 

कौन हैं स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम ‘फर्स्ट मिनिस्टर’? पाकिस्तान से है गहरा संबंध

पाकिस्तानी मूल के रहने वाले नेता हमजा यूसुफ को स्कॉटलैंड का पहला मुस्लिम ‘फर्स्ट मिनिस्टर’ चुना गया. स्कॉटलैंड में फर्स्ट मिनिस्टर का पद प्रधानमंत्री के पद के बराबर होता है. हालांकि, स्कॉटलैंड के ब्रिटेन के अधीन होने और यूके का हिस्सा होने की वजह से वहां के सुप्रीम लीडर को फर्स्ट मिनिस्टर कहा जाता है, न की प्राइम मिनिस्टर. 

दिलचस्प बात ये है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं और ब्रिटेन के अधीन आने वाले स्कॉटलैंड में सरकार चलाने वाला व्यक्ति पाकिस्तानी मूल का है. वर्तमान समय में स्कॉटलैंड ब्रिटेन से आजाद होना चाहता है, उसी ब्रिटेन से जिसके प्रधानमंत्री भारतीय मूल के सुनक हैं. 

37 वर्षीय स्कज्ञॅटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के नेता यूसुफ इस पद के लिए चुने गए अभी तक के सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं. एसएनपी के नेता के रूप में सोमवार को चुने जाने के बाद मंगलवार को हुए मतदान में यूसुफ को फर्स्ट मिनिस्टर चुनने के पक्ष में 71 वोट पड़े.

यूसुफ के दादा 1960 के दशक में पाकिस्तान से स्कॉटलैंड पहुंचे थे. वो बताते हैं कि उन्हें अंग्रेजी बोलने में काफी दिक्कत होती थी. लेकिन आज वो खुद को जहां देखते हैं, उसके बारे में कभी सोचा नहीं था, न ही ये सोचा था कि उनका पोता एक दिन स्कॉटलैंड का पहला मुस्लिम मंत्री बनेगा.

ब्रिटेन को यूनाइटेड किंगडम कहा जाता है, क्योंकि ये चार देशों से मिलकर बना है. इसमें इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड शामिल है. इसमें स्कॉटलैंड को 1997 तक ब्रिटेन के नियमों का ही पालन करना होता था. हालांकि इसके बाद एक जनमत संग्रह हुआ और लोगों ने तय किया कि उनका अपना अलग संसद होगा जिसका ब्रिटेन से कोई लेना-देना नहीं होगा.

अब सवाल सामने आया कि क्या स्कॉटलैंड का अपना प्रधानमंत्री भी होगा. इस पर ब्रिटेन ने कहा कि संसद तो हो सकता है लेकिन अलग प्रधानमंत्री नहीं हो सकता. इसके बाद सरकार चलाने के लिए सर्वोच्च पद को फर्स्ट मिनिस्टर नाम दिया गया. साथ ही ये भी कहा गया कि इस पद पर कायम रहने वाला व्यक्ति ब्रिटेन की महारानी और वहां के प्रधानमंत्री के प्रति जवाबदेही होगी.

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