Hiroshima Day: आज से 77 साल पहले 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था. इस हमले में लाखों लोगों की मौत हुई थी. जापान इससे उबरा भी नहीं था कि 9 अगस्त को अमेरिका ने उसके दूसरे शहर नागासाकी पर परमाणु बम गिरा दिया था.
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77th Anniversary of Hiroshima Nuclear Explosion: अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से ही चीन आक्रमक हो गया है और उसने ताइवान की सीमा पर बड़ी संख्या में अपने सैनिक तैनात कर दिए हैं. लगातार युद्ध अभ्यास जारी है और मिसाइलों का परीक्षण भी किया जा रहा है. दोनों देशों के बीच कभी भी युद्ध छिड़ने की आशंका है. युद्ध होता है तो इसमें अमेरिका ताइवान के समर्थन में उतर सकता है. इस माहौल ने 77 साल पहले के द्वितीय विश्व युद्ध की यादें ताजा कर दी हैं. आज 6 अगस्त है और यही वह काला दिन है जिसे दुनिया हिरोशिमा दिवस के नाम से जानती है और जापान चाहकर भी इसे भूल नहीं सकता. आज ही के दिन 1945 में अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था. आइए इतिहास के पन्नों को टटोलते हुए जानते हैं 6 अगस्त 1945 की पूरी कहानी.
किसी से नहीं की थी इस हमले की कल्पना
द्वितीय विश्व युद्ध का आगाज 1939 में हुआ था. देखते देखते युद्ध को 6 साल हो चुके थे, लेकिन जापान का आक्रमक रुख रुकने का नाम नहीं ले रहा था. 1945 में आते-आते युद्ध ने और रफ्तार पकड़ ली थी. अमेरिका अब जापान को सबक सिखाना चाहता था. 6 अगस्त 1945 को उसने कुछ ऐसा करने का प्लान किया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. अचानक 6 अगस्त 1945 को सुबह करीब 8 बजे अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा दिया. बम के गिरते ही 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. परमाणु विस्फोट के बाद जो गर्मी उत्पन्न हुई उससे लोग जलने लगे. 1-2 मिनट के अंदर हिरोशिमा शहर का 80 फीसदी एरिया स्वाहा हो चुका था. यही नहीं मौत के अलावा हजारों लोग परमाणु विकिरण से जुड़ी बीमारियों के चलते धीरे-धीरे कई महीनों बाद मारे गए. इस विस्फोट को लेकर की गई एक स्टडी में बताया गाय था कि जहां बम गिरा था वहां से 29 किलोमीटर के दायरे में काली बारिश हुई, जिसने मौत का आंकड़ा बढ़ा दिया.
9 अगस्त को अमेरिका ने किया था दूसरा हमला
अभी जापान हिरोशिमा हमले से उबरा ही नहीं था कि अमेरिका ने 9 अगस्त को सुबह 11 बजे उसके नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम गिरा दिया. इस हमले में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई. बताया जाता है कि हमले के कई साल बाद तक परमाणु विकिरण की वजह से आसपास के इलाकों में अपंग बच्चे पैदा हुए. इन दोनों विस्फोट के बाद जापान ने सरेंडर कर दिया और द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया.
अब भी मौजूद हैं उन हमलों के निशान
परमाणु हमलों के बाद रेडियोएक्टि विकिरण के शिकार लाखों लोग हुए थे. इनमें से कई अब भी जिंदा हैं और मेडिकल सुविधाओं और इलाज के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. एक साल पहले ही वहां की अदालत ने 84 लोगों को मेडिकल सुविधाएं देने का आदेश दिया था.
हिरोशिमा परमाणु हमले को ऐसे भी समझें
परमाणु हमले के बाद उस इलाके में करीब 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी.
अमेरिका ने हिरोशिमा में परमाणु बम आइयो ब्रिज के पास के पास गिराने की प्लानिंग की थी, लेकिन यह विपरित दिशा में बह रही हवा के कारण यह शीमा सर्जिकल क्लिनीक पर गिर गया.
परमाणु बम के फटनने के कुछ मिनट में ही इस शहर की 30 फीसदी आबादी की मौत हो गई. जो बच गए वे अपंगता के शिकार हो गए.
परमाणु विस्फोट के बाद हिरोशिमा में सबकुछ उजड़ चुका था. कई साल बाद यहां कनेर (ओलियंडर) नाम का फूल सबसे पहले खिला था.
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