Marriage law: इंग्लैंड और वेल्स में शादी के लिए कानूनी उम्र को बढ़ाया गया, जाने अब क्या हुई शादी की उम्र
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Marriage law: इंग्लैंड और वेल्स में शादी के लिए कानूनी उम्र को बढ़ाया गया, जाने अब क्या हुई शादी की उम्र

marriage: अभी तक शादी की उम्र 16 साल थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया है. सोमवार को एक नए कानून लागू किया गया है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि इसका मकसद है कि कमजोर युवाओं को उनकी मर्जी के खिलाफ जबरन शादी करने से बचाया जा सके.

Marriage law: इंग्लैंड और वेल्स में शादी के लिए कानूनी उम्र को बढ़ाया गया, जाने अब क्या हुई शादी की उम्र

Marriage: इंग्लैंड और वेल्स में शादी करने के लिए नए कानून बनाए गए हैं. शादी करने की कानूनी उम्र को अब बढ़ा दिया गया है. यहां अभी तक शादी की उम्र 16 साल थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया है. सोमवार को एक नए कानून लागू किया गया है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि इसका मकसद है कि कमजोर युवाओं को उनकी मर्जी के खिलाफ जबरन शादी करने से बचाया जा सके. अभी तक इंग्लैंड और वेल्स में 16 या 17 साल की आयु में उनके माता-पिता शादी के बंधन में बांध देते थे. इसे लेकर के अभी तक कोई भी कानून नहीं था, जो इस पर ठोस कदम उठा सकता.

यूके के उप प्रधानमंत्री डॉमिनिक रैब ने कहा कि यह कानून हमारे समाज में जबरन विवाह पर नकेल कसने का काम करेगा. कमजोर युवाओं के भविष्य को लेकर यह फैसला लिया गया है. जो लोग कम उम्र में बच्चों की शादी करेंगे अब उनके परिजनों को दंडित किया जाएगा. ब्रिटेन सरकार ने कहा कि 18 साल की आयु के व्यापक रूप से उस उम्र के रूप में मान्यता दी जाती है, जिस उम्र के पड़ाव को छूने पर कोई वयस्क हो जाता है और पूर्ण नागरिकता अधिकार हासिल करता है. अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों की शादी करना पूर्णतया बंद करना होगा. नहीं तो कानूनी प्रक्रिया से लोगों को गुजरना पड़ेगा. बाल विवाह के दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है. ब्रिटेन सरकार ने कहा कि कानून में बदलाव 2030 तक बाल विवाह को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में लिए गए संकल्पों को पूरा करने के लिए इस दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं.

कई संगठनों ने सरकार के इस फैसले का किया स्वागत
जो संगठन पिछले लंबे समय से इस अभियान पर काम कर रहे थे और बाल विवाह पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे. उन संगठन के लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. कर्म निर्माण चैरिटी के निदेशक नताशा रत्तू ने कहा कि बाल विवाह पर कानून में बदलाव एक बड़ी जीत है. पिछले साल बाल विवाह के 64 मामले सामने आए थे. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नया कानून अब इस तरह की शादियों की रोकथाम में हमारी मदद करेगा और कानून के बनने से बच्चे भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे. उन्होंने कहा कि कई मामलों में यह देखने को मिला है कि बाल विवाह का दुष्परिणाम अक्सर लड़कियों को भुगतना पड़ता है. ऐसे मामलों में लड़कियां घरेलू दुर्व्यवहार, कम उम्र में पढ़ाई छूटना, करियर में सीमित अवसर मिलना आदि समस्याएं उनके सामने आती है.

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