मोंटाना मिलिट्री बेस पर मंडरा रहा था गुब्बारा
पिछले 3 दिनों से ये विशालकाय गुब्बारा (Chinese Spy Balloon) अमेरिका के मोंटाना मिलिट्री बेस के ऊपर मंडरा रहा था. गुब्बारे का आकार तीन बसों के बराबर था. इसी इलाके में अमेरिका का न्यूक्लियर एरिया भी है, जहां पर उसकी परमाणु बमों से लैस मिसाइलें भी रखी रहती हैं. ऐसे में जब उस एरिया के ऊपर करीब 80 हजार फीट की ऊंचाई पर भारी भरकम गुब्बारा उड़ता नजर आया तो पूरे अमेरिका में हड़कंप मच गया. अमेरिका ने आरोप लगाया कि यह चीन का जासूसी गुब्बारा है, जो उसके रणनीतिक ठिकानों की टोह लेने के लिए भेजा गया है.
शुरू में चीन ने साध ली थी करतूत पर चुप्पी
शुरू में तो चीन (Chinese Spy Balloon)ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी लेकिन बाद में कबूल किया कि यह उसका ही गुब्बारा है. इसके साथ ही चीन ने दावा किया कि वह जासूसी गुब्बारा नहीं बल्कि रिसर्च कार्यों में यूज होने वाला साधारण गुब्बारा था. उसने इस कथित चूक के लिए अमेरिका से खेद भी प्रकट किया, हालांकि अमेरिका ने इस पर भरोसा नहीं किया. राष्ट्रपति जो बाइडेन पर इस गुब्बारे को मार गिराने का आदेश देने का दबाव था. लेकिन सिविलियन इलाके में गुब्बारे को गिराने पर लोगों के जान-माल के नुकसान का डर था. इसलिए अमेरिकी सेना उसके सुरक्षित दूरी पर जाने का इंतजार कर रही थी.
महासागर के ऊपर जाते ही मिसाइल से मार गिराया
सूत्रों के मुताबिक चीन का जासूसी गुब्बारा (Chinese Spy Balloon) उड़ते हुए जैसे ही मोंटाना इलाके से अटलांटिक महासागर के ऊपर पहुंचा, राष्ट्रपति जो बाइडेन के ऑर्डर पर मिसाइल दागकर उसे नीचे गिरा दिया गया. मिसाइल दागने से आसपास के 3 एयरपोर्ट और एयरस्पेस को बंद रखा गया था. अब इस चीनी जासूसी गुब्बारे का मलबा इकट्ठा करने के लिए टीमें महासागर में भेजी गई हैं. वे वहां पर गुब्बारे के अवशेष इकट्ठे करके उसमें लगे इंस्ट्रूमेंट की पड़ताल करेंगी. अमेरिका के अलावा कनाडा और लैटिन अमेरिका में भी इस तरह के गुब्बारे देखे जाने की घटना सामने आई है. इस मुद्दे पर अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव एक बार फिर बढ़ गया है.
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