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वॉशिंगटन: अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से मुलाकात करेंगे. भारतीय समय के अनुसार, व्हाइट हाउस में रात 8.30 बजे पीएम मोदी और बाइडेन की द्विपक्षीय मुलाकात होने जा रही है. राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन पहली बार व्हाइट हाउस में पीएम मोदी की मेजबानी करने वाले हैं. इससे पहले पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच पिछले 8 महीने में दो बार वर्चुअल मीटिंग हो चुकी है, लेकिन आज पहली बार बतौर राष्ट्रपति बाइडेन और पीएम मोदी से आमने-सामने की मुलाकात करेंगे.
आज दुनिया के कई देशों की निगाहें पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की ऐतिहासिक मुलाकात पर होगी. राष्ट्रपति बाइडेन के पद संभालने के बाद से ये भारत और अमेरिका के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक है, जिसमें आतंकवाद और विस्तारवाद को लेकर दोनों देश रणनीति बनाएंगे. जाहिर है ऐसे में चीन-पाकिस्तान बेचैन हैं. इसके अलावा पीएम मोदी आज क्वाड देशों के समिट में भी शामिल होंगे.
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राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये पहली व्यक्तिगत बैठक (PM Narendra Modi and Joe Biden Meeting) होगी. अब सवाल ये है कि जब पीएम मोदी और जो बाइडेन की मुलाकात होगी तो क्या बात होगी? दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
1. भारत-अमेरिका की वैश्विक साझेदारी
2. द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना
3. रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना
4. रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा देना
5. आतंकवाद के खिलाफ रणनीति
6. सीमा पार आतंकवाद रोकने की तरीके
7. अफगानिस्तान संकट
8. चीन के विस्तारवाद पर लगाम
9. कट्टरवाद और उग्रवाद
10. जलवायु परिवर्तन
द्विपक्षीय बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी जहां दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे. वहीं दोनों नेताओं के बीच बातचीत में अफगानिस्तान का मुद्दा हावी होने की संभावना है. अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद भारत की चिंता बढ़ती जा रही है. जिस तरह से तालिबान को चीन और पाकिस्तान का साथ मिल रहा है, उससे भारत के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यही वजह है कि भारत विश्व मंच पर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है. संयुक्त राष्ट्र में जो बाइडेन ने भाषण में चीन के खतरों की ओर इशारा किया और सहयोगी देशों को भरोसा दिया कि वो नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. संयुक्त राष्ट्र की जनरल एसेंबली में जब बाइडेन ने बतौर राष्ट्रपति पहली बार भाषण दिया तो उन्होंने आतंकवाद का भी जिक्र किया.
पीएम मोदी एक ऐसे राष्ट्रपति से मिल रहे हैं, जिनका पूरा ध्यान चीन की बढ़ती ताकत को रोकने पर है. अमेरिका जानता है कि ये बिना भारत के सहयोग के संभव नहीं है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि विस्तारवाद और आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंचेगी.
(इनपुट- सिद्धांत सिब्बल)
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