Barack Obama News: एक इंटरव्यू के दौरान बराक ओबामा ने खुद यह बताया था कि उनकी भगवान हनुमान में आस्था है.उन्होंने बताया कि निराशा में उन्हें जो बातें ताकत देती हैं, उनमें भगवान हनुमान भी शामिल हैं.
Trending Photos
World News in Hindi: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कई मौकों पर भारत के प्रति विशेष सम्मान व्यक्त किया है. यह जगजाहिर है कि वह महात्मा गांधी के बड़े प्रशंसक हैं. अपनी पुस्तक 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' में, वह लिखते हैं कि अब्राहम लिंकन, मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला के साथ, गांधी जी ने उनकी सोच को गहराई से प्रभावित किया. लेकिन क्या आप जानते हैं ओबामा भगवान हनुमान में भी आस्था रखते हैं. उन्होंने खुद इसका खुलासा किया और यह भी बताया कि निराशा में उन्हें जो बातें ताकत देती हैं, उनमें भगवान हनुमान भी शामिल हैं. इस संबंध में उनके एक पुराने की इंटरव्यू की क्लिप फिर से वायरल हो रही है जिसमें वह भगवान हनुमान के बारे में बात कर रहे हैं.
साल 2016 बराक ओबामा ने यू-ट्यूबर इंग्रिड निल्सन, जिन्हें मिस ग्लैमराजी के नाम से भी जाना जाता है, को एक इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने भगवान हनुमान से अपने जुड़ाव के बारे में बात की थी.
ओबामा ने बताया वह जेब में क्या रखते हैं?
इंटरव्यू के दौरान निल्सन ने ओबामा से उन चीजों को दिखाने के लिए कहा जिन्हें वह अपने लिए महत्वपूर्ण मानकर अपनी जेब में रखते हैं. इस पर ओबामा ने अपनी जेब से कुछ सामान निकाला. इनमें भगवान हनुमान की एक छोटी सी मूर्ति भी शामिल थी.
ओबामा निल्सन को बताते हैं कि यह हिंदुओं के भगवान हैं और यह मूर्ति उन्हें एक महिला ने दी थी. वह बताते हैं कि इसके अलावा पोप फ्रांसिस से मिली एक एक माला, एक बौद्ध भिक्षु से मिली भगवान बुद्ध की मूर्ति, एक सिल्वर पोकर और इथियोपिया से मिला एक क्रॉस भी उनकी जेब में रहता है.
‘मैं अंधविश्वासी नहीं हूं’
ओबामा ने इंटरव्यू में कहते हैं, 'मैं इन सभी चीजों को अपने साथ लेकर चलता हूं. मैं अंधविश्वासी नहीं हूं और ऐसा नहीं है कि हर समय ये चीजें हमेशा मेरे साथ रहती हैं.' वह कहते हैं कि ये चीजें लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करने के लिए उन्हें दिए गए विशेषाधिकार की एक शक्तिशाली याद दिलाती हैं.
ओबामा कहते हैं, 'अगर मैं थका हुआ महसूस करता हूं, या मैं कभी-कभी निराश महसूस करता हूं, तो मैं अपनी जेब में हाथ डाल सकता हूं और कह सकता हूं कि हां, यह (निराशा) कुछ ऐसा है जिस पर मैं काबू पा सकता हूं, क्योंकि किसी ने मुझे उन मुद्दों पर काम करने का विशेषाधिकार दिया है जो उन्हें प्रभावित करते हैं.'