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Fitness Tracker Watch: कहीं स्मार्ट वॉच आपको धोखा तो नहीं दे रही? ऐसे करें अपनी घड़ी का रिएलिटी चेक

Reality Check of Smart Watch: आज की एक्सरसाइज पूरी हुई या नहीं, दिल की धड़कन ठीक है या नहीं- इन सवालों के जवाब आजकल बहुत से लोग अपने स्मार्टफोन या स्मार्टवॉच से पूछते हैं. आप में से बहुत से लोग दिन में 10 हजार स्टेप्स पूरे करने का टारगेट भी ऐसे ही किसी स्मार्ट डिवाइस से नापते होंगे. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि आपकी स्मार्ट वॉच असल में कितनी स्मार्ट है. आपका फिटनेस ट्रैकर आपको कितना फिट कर सकता है- 10 हजार स्टेप्स पूरे करने का टारगेट दिखाने वाली घड़ी कहीं आपको धोखा तो नहीं दे रही. लेकिन क्या कोई गैजेट आपको हार्ट अटैक के खतरे का अलर्ट भी दे सकता है?

 

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हाल ही में दिल्ली में एक स्मार्ट वॉच को लॉन्च किया गया है. इस घड़ी को लॉन्च करने वाली कंपनी का दावा है कि ये घड़ी नहीं है, ये एक मेडिकल डिवाइस है. कंपनी के मुताबिक ये पहली ऐसी घड़ी है जिसे यूरोप की मेडिकल रेगुलेटरी एजेंसी EU MDR से अप्रूवल मिला हुआ है. कंपनी ने US FDA Approval के लिए आवेदन कर दिया है. US FDA से मंजूरी के लिए ये डिवाइस मात्र 2% तक ही गलत नतीजे या False results दिखा सकता है. जबकि कंपनी के दावे के मुताबिक ये घड़ी 99 प्रतिशत तक सही नतीजे देती है. 

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घड़ी ने रिसर्च के दौरान 0.06% तक ही गलत नतीजे दिए हैं. कंपनी का दावा है कि ये वॉच हार्ट बीट में आने वाली गड़बड़ी को पकड़ सकती है और अलर्ट भेज सकती है. मेडिकल भाषा में दिल की धड़कन गड़बड़ाने को Arrhythmia (एरिदमिया) कहा जाता है. कार्डिएक सेंस के नाम से लॉन्च की गई इस स्मार्ट वॉच से आप अपने दिल का इसीजी टेस्ट कर सकते हैं. रिपोर्ट डॉक्टर को भेज सकते हैं. बाजार में मौजूद बहुत सारे फिटनेस बैंड्स, घड़ियों और ट्रैकर की तरह ये वॉच भी आपका हार्ट रेट 24 घंटे मॉनीटर कर सकती है, ऑक्सीजन को नाप सकती है. इस वॉच में ब्लड प्रेशर चेक करने और बॉडी टेम्परेचर को चेक करने की सुविधा भी है.  

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लेकिन आपकी फिटनेस बताने वाले ये गैजेट्स खुद कितने फिट हैं, आज हमने इसका एक रिएलिटी टेस्ट किया है. इसलिए पहले ये समझिए कि स्मार्ट फिटनेस ट्रैकर काम कैसे करते हैं. इस ट्रैकर से निकलने वाली LED लाइट कलाई के ब्लड फ्लो को रीड करती है. दरअसल ग्रीन लाइट को रेड ब्लड के साथ पढ़ा जा सकता है. घड़ी में लगा सेंसर ये जांचता है कि ब्लड फ्लो के दौरान ग्रीन लाइट का फ्लो कैसा है. इसी गणित को सुलझाकर डिवाइस स्क्रीन पर आपका हार्ट रेट डिस्प्ले कर देता है.

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डॉक्टर्स के मुताबिक हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर पढ़ने में तो ये स्मार्ट डिवाइस लगभग सही काम करते हैं लेकिन स्टेप्स गिनने के तरीके में गड़बड़ हो सकती है, क्योंकि ट्रैकर आपके बॉडी मूवमेंट को गिनता है. यानी अगर आप हिचकोले खाती गाड़ी में सफर कर रहे हों तो मुमकिन है कि उसे स्टेप्स के तौर पर गिन लिया जाए. 

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आपका दिल एक मिनट यानी 60 सेकेंडस में 70 से 100 बार तक धड़कना चाहिए. अगर आप बुजुर्ग हैं तो ये रेट थोड़ा कम और अगर आप बच्चे हैं तो ये रेट थोड़ा ज्यादा हो सकता है. आप बाईं हथेली पर अंगूठा रखकर अपनी नब्ज गिन सकते हैं और अपने ट्रैकर का सच और झूठ पकड़ सकते है. कन्ज्यूमर की आसानी के लिए ज्यादातर फिटनेस डिवाइस घड़ी की शक्ल में डिजाइन किए जाते हैं, जबकि हार्ट रेट सही तरीके से छाती के पास नापा जाता है और ब्लड प्रेशर बाजू के उपरी हिस्से से. इसलिए आपके फिटनेस ट्रैकर के नतीजे सटीक ही होंगे ये पूरी तरह नहीं कहा जा सकता. बाजार में मौजूद ज्यादातर गैजेट्स मेडिकल रेगुलेटर से अप्रूव नहीं है. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए. इसलिए अगर आपका ऐप या स्मार्ट वॉच क्वालिटी सर्टिफिकेट वाला नहीं है तो सिर्फ टैकर के भरोसे रहना भारी भूल भी साबित हो सकता है.

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