Holi 2023: अस्थमा के रोगी होली खेलते वक्त इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना अस्पताल पहुंचने में नहीं लगेगी देर; जानें डिटेल
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Holi 2023: अस्थमा के रोगी होली खेलते वक्त इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना अस्पताल पहुंचने में नहीं लगेगी देर; जानें डिटेल

Asthma Patients on Holi 2023: होली एक ऐसा त्योहार है, जिस दिन हर कोई अपनी मस्ती में चूर होता है. ऐसे में अस्थमा के रोगी भी खुद को त्योहार मनाने से नहीं रोक पाते. लेकिन अगर वे 3 सावधानियां न बरतें तो उनके लिए ऐसा करना भारी भी पड़ सकता है. 

Holi 2023: अस्थमा के रोगी होली खेलते वक्त इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना अस्पताल पहुंचने में नहीं लगेगी देर; जानें डिटेल

Precautions for Asthma Patients on Holi 2023: सनातन धर्म में दिवाली के बाद सबसे बड़ा त्योहार होली माना गया है. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व है. इस दिन लोग रंग और पानी फेंककर एक दूसरे को होली की बधाई देते हैं. साथ ही घरों में बने पकवान शेयर करके त्योहार की खुशी साझी करते हैं. लेकिन अस्थमा के रोगियों के लिए यह त्योहार कई बार परेशानी का सबब बन जाता है. अगर होली वाले दिन उसके मुंह में गुलाल या रंग चला जाए तो उसे अस्थमा का अटैक आ सकता है. आज हम अस्थमा के रोगियों के लिए सावधानी से जुड़े कई जरूरी टिप्स बताने जा रहे हैं. 

अस्थमा रोगी बरतें ये सावधानियां (Precautions for Asthma Patients on Holi 2023)

धूल मिट्टी से बचें अस्थमा मरीज

हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक जिन लोगों को अस्थमा की शिकायत रहती है, उन्हें होली के दिन रंग-गुलाग और धूल मिट्टी से बचना चाहिए. वे चाहें तो पानी होली खेल सकते हैं. रंग-गुलाल से होली खेलने पर अस्थमा के अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिससे स्थिति बिगड़ सकती है. 

जेब में जरूर रखें इनहेलर

दमे के मरीज (Precautions for Asthma Patients on Holi 2023) होली वाले दिन इनहेलर अपनी जेब में जरूर रखें. त्योहार के दिन रंग-गुलाल की वजह से अगर आपकी सांस फूलती है तो आप इनहेलर का इस्तेमाल करके तुरंत राहत पा सकते हैं. ऐसा न करने पर आपकी तबियत अचानक बिगड़ सकती है. 

पीड़ित को हो सकती है परेशानी

डॉक्टरों के अनुसार अस्थमा के मरीजों (Precautions for Asthma Patients on Holi 2023) को सूखे रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए. इसकी वजह उन रंगों में मौजूद वे कण होते हैं, जो सीधे हवा के संपर्क में रहते हैं. जब वे कण मरीजों के फेफड़ों में प्रवेश करते हैं तो पीड़ित को सांस लेने में परेशानी शुरू हो सकती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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