अजान की इबादत में घुली आवाज़ जब गूंजती है तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सिर सजदे में झुक जाता है. रमजान के पाक महीने में ये आवाज़ परवरदिगार की रहमत पाने का सबसे खास जरिया बन जाता है लेकिन सरहद पार के मुल्क ने रमजान के महीने का इस्तेमाल खून-खराबे के लिए किया. आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए उसने गोलियां बरसा दीं.