भगवान विष्णु का ये मंदिर पूरे भारत में सबसे बड़ा और विशाल मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है. इस मंदिर के तार लंका के विभीषण और श्री राम से मिलते हैं. यह मंदिर इतना विशाल है कि इसमें युरोप के छोटे छोटे देश समा जाएं.
भारत में ऐसी कई सारी जगहें हैं, जहां के जैसी भव्यता और विशालता देखकर आपको अपनी आंखों पर यकीन नहीं होगा. मगर भारत के दक्षिण में बसा ये मंदिर चीखचीखकर अपनी संस्कृति और विशालता का प्रमाण देता है. भगवान विष्णु का ये मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है, जहां के तथ्यों के बारे में जानकर आपका मुंह खुला का खुला रह जाएगा.
श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित है. यह मंदिर कावेरी औऱ कालिदाम नदी के बीच एक टापू पर बना हुआ है. यहां के मुख्य देवता के रूप में भगवान विष्णु, श्री राम, श्री कृष्ण और मां लक्ष्मी विराजमान हैं.
इस मंदिर को द्रविड़ शैली में बनाया गया है. यहां पर होयसाला और विजयनगर की वास्तुकला को देखा जा सकता है. ये मंदिर लगभग 156 एकड़ यानी 6,31,000 वर्गमीटर में फैला हुआ है. यहां पर 1000 स्तंभ हैं.
यहां पर भगवान विष्णु के 24 अवतारों की नक्काशी देखने को मिलेगी. यहां पर हर साल एक बहुत बड़ा मेला लगता है. जिसमें लाखों की भीड़ शामिल होती हा. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की दूज से एकादशी तक यहां पर यह उत्सव मनाया जाता है. यह पर्व ओंजल उत्सव के नाम से जाना जाता है.
इतनी भव्यता समेटे इस मंदिर का बहुत ही दर्दनाक इतिहास रहा है. इतिहासकारों के अनुसार 1321 में जब तुगलकों ने दक्षिण पर हमला किया था, तब कार्तिक मास के उसी मेले में लगभग 12000 भक्तों पर तुगलकों ने आक्रमण कर दिया था. उन सभी 12000 भक्तों का सिर कलम कर दिया गया था. इस हमले से पहले भी इस मंदिर पर कई और हमले हो चुके थे.
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