क्या है Billing Policy? जिससे Google ने हटाए 10 भारतीय ऐप्स और फिर सरकार के सामने टेके घुटने
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क्या है Billing Policy? जिससे Google ने हटाए 10 भारतीय ऐप्स और फिर सरकार के सामने टेके घुटने

google billing policy: गूगल ने को IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव और उन भारतीय इंटरनेट कंपनियों के रिप्रेजेंटेटिव से मुलाकात की थी जिनके ऐप्स 1 मार्च को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिए गए थे. इस मुलाकात के बाद गूगल ने बदलाव किए हैं. आइए बताते हैं क्या है गूगल की बिलिंग पॉलिसी, जिसके कारण हटाए गए 10 भारतीय ऐप्स और सरकार के दबाव में फिर चालू किए...

 

क्या है Billing Policy? जिससे Google ने हटाए 10 भारतीय ऐप्स और फिर सरकार के सामने टेके घुटने

What Is Billing Policy: भारतीय इंटरनेट कंपनियों को राहत देते हुए गूगल ने जो ऐप स्टोर से 10 ऐप्स को रिमूव किया था उसको वापिस चालू कर दिया है. साथ ही, कंपनियों को ऐप के अंदर पेमेंट लेने की अनुमति दे दी है. इसके अलावा गूगल ने डेवलपर्स से लिए जाने वाले सर्विस फीस को चुकाने की समय सीमा भी बढ़ा दी है. गूगल ने सोमवार को IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव और उन भारतीय इंटरनेट कंपनियों के रिप्रेजेंटेटिव से मुलाकात की थी जिनके ऐप्स 1 मार्च को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिए गए थे. इस मुलाकात के बाद गूगल ने बदलाव किए हैं. आइए बताते हैं क्या है गूगल की बिलिंग पॉलिसी, जिसके कारण हटाए गए 10 भारतीय ऐप्स और सरकार के दबाव में फिर चालू किए...

क्या है गूगल की बिलिंग पॉलिसी?

Google Play Store पर लाखों ऐप उपलब्ध हैं, और इनमें से कई ऐप अपनी डेवलपर कंपनियों के लिए अच्छा कमाई करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि Google इन ऐप्स से होने वाली कमाई का एक हिस्सा लेता है? यदि कोई डेवलपर Google Play Store पर अपना ऐप पब्लिश करता है और उससे कमाई करता है, तो उसे Google को 15-30% तक का शुल्क देना होता है. यह फी इन-ऐप पर्चेज, ऐप डाउनलोड और सब्सक्रिप्शन (जैसे शादी डॉट कॉम की प्रीमियम सेवा) से प्राप्त आय पर लागू होता है.

Google Play Store में इन-ऐप पर्चेज और सब्सक्रिप्शन के लिए Google का बिलिंग सिस्टम अनिवार्य है. कुछ डेवलपर कंपनियां Google को शुल्क देने से नाराज हैं, और उन्होंने Google की नीति को अनुचित बताया. Google ने कहा है कि उसकी नीति सभी डेवलपर्स के लिए समान है और यह Google Play Store को बेहतर बनाने और सुरक्षित रखने में मदद करती है. गूगल का दावा है कि ये ऐप्स बाकी प्लेटफॉर्म्स पर पैसा दे रहे हैं, लेकिन गूगल को नहीं दे रहे हैं. 

क्या है भारतीय कंपनियों को दिक्कत?

Competition Commission of India (CCI) ने गूगल ने पहले ही आदेश दे दिया था कि वो 15 से 30 परसेंट फी लगाने के पुराने सिस्टम को खत्म करें. उसके बाद गूगल 11 से 26 परसेंट फी लगाने लगा. फिर कंपनियों ने गूगल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में गूगल पर फी पर रोक लगाने की मांग की. इस पर 19 मार्च को अगली सुनवाई है. 

कौन-कौन से ऐप्स पर हुआ था एक्शन

गूगल ने पहले जो 10 ऐप्स हटाए थे, उनमें Bharat Matrimony, Balaji Telefilms' Altt, Shaadi, Matrimony.com, Truly Madly, Kuku FM, Quack Quack जैसे ऐप्स थे.

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