Byju's Alpha पर 1.2 अरब डॉलर का मुकदमा, भारतीय कंपनी पर लगा ये बड़ा आरोप
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Byju's Alpha पर 1.2 अरब डॉलर का मुकदमा, भारतीय कंपनी पर लगा ये बड़ा आरोप

Byju's Alpha sued by loan agent: रिपोर्ट में बताया गया है कि एक फाइलिंग के मुताबिक ये पूरा मामला निदेशकों के चुनाव पर हो रही खींचतान से जुड़ा हो सकता है, हालांकि इसमें ऐसे विशिष्ट आरोप शामिल नहीं हैं. 

Byju's Alpha पर 1.2 अरब डॉलर का मुकदमा, भारतीय कंपनी पर लगा ये बड़ा आरोप

Byju's sued by agent linked to $1.2 billion loan: बायजूस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रही इस कंपनी पर विदेश में करीब 1.2 बिलियन डॉलर का मुकदमा दायर किया गया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक लेनदारों और शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म बायजूस के बीच महीनों की बातचीत के बाद बायजूस अल्फा (Byju's Alfa) पर मुकदमा दायर किया गया था. रिपोर्ट में आगे ये कहा गया है कि ग्लास ट्रस्ट कंपनी और निवेशक टिमोथी आर. पोहल ने बायजूस अल्फा, टैंजिबल प्ले, इंक और रिजू रवींद्रन (Riju Ravindran) के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोर्ट का रुख किया था. इस केस में थिंक एंड लर्न प्राइवेट का जिक्र भी है जिसे लेकर भारत में भी जांच हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला निदेशकों के चुनाव को लेकर हो रही खींचतान से जुड़ा हो सकता है.

स्पीड ट्रायल को लेकर कोर्ट करेगी फैसला

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, विलमिंगटन की कोर्ट के जस्टिस ने गुरुवार को मामले में सुनवाई की तारीख दी है ताकि यह तय किया जा सके कि इस मामले में तेजी लाई जाए या नहीं. कंपनी के खिलाफ मुकदमा कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में वहां दायर किया गया था. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रवींद्रन और बायजूस ने इस मामले की पब्लिक हियरिंग रोकने के लिए याचिका लगाई थी. लेकिन डेलावेयर चांसरी कोर्ट के जस्टिस मॉर्गन ज़र्न ने उसे खारिज कर दिया. जज ने कहा प्रतिवादी इस मामले से जुड़ी चीजों को क्यों छिपाना चाहते हैं, वो अंदाजा लगा रहे हैं कि इस सुनवाई की खबरें लोगों तक पहुंचने से उन्हें नुकसान हो सकता है. जज ने कहा ऐसा लगता है कि बायजूस के कर्ताधर्ता कई मामलों में अपनी भूमिका सही से नहीं निभा पाए हैं. 

बायजू ने लोन चुकाने के लिए मांगा था वक्त

गौरतलब है कि सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बायजू ने कथित तौर पर इस साल की शुरुआत में 1.2 अरब डॉलर के लोन को चुकाने के लिए उधारदाताओं से और समय मांगा था. जिसके बाद बात बिगड़ने पर लोन देने वाली कंपनी ने कोर्ट का रुख किया था. इस मामले पर नजर रखने वालों के मुताबिक, लोन देने वालों ने 2026 में देय 1.2 बिलियन डॉलर के लोन के पुनर्गठन के कंपनी के अनुरोध पर आपत्ति जताई थी.

बायजू पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हो रही जांच

थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड बायजू की सहयोगी कंपनी है. उसका कनेक्शन भी इस मामले में सामने आया है. पिछले महीने अप्रैल में ईडी ने इस कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की थी. ईडी ने बताया कि कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2020-21 के बाद से वित्तीय खाता तैयार नहीं किया है. ईडी के अनुसार, कंपनी के खातों का ऑडिट भी नहीं किया गया है, जो कि जरूरी होता है. एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू होने से पहले, बायजू अपने लोन को चुकाने की शर्तों को मनमाने तरीके से बदलवाने के लिए अपने लेनदारों को खुश करने के लिए छटपटा रहा था. लेकिन बायजू की कोशिश नाकाम रही. सूत्रों के मुताबिक हाल ही में न्यूयॉर्क बेस्ड इन्वेस्टमेंट फर्म डेविडसन केम्पनर ने बायजू की कंपनियों और वेंचर के जरिए 250 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. 

बायजूस की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले को लेकर बायजूस का बयान आया है. कंपनी के मुताबिक यह डेलावेयर कोर्ट का एक अंतरिम आदेश है. कोर्ट ने बायजू के अल्फा के खिलाफ कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया है. इस मामले में वादियों ने चौंकाने वाले दावे किए हैं. कंपनी पर लगाए गए आरोप गलत हैं. जिनका हम खंडन करते हैं. इस प्रकरण में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ. BYJU'S ने अपने वैश्विक परिचालन में वृद्धि और विस्तार को चलाने के लिए जुटाई गई धनराशि का उपयोग करने के स्पष्ट इरादे के साथ टर्म लोन बी समझौता किया है और वो जरूरत के मुताबिक फंड ट्रांसफर के लिए स्वतंत्र है.

कंपनी ये भी कहा है कि लोन को लेकर कहीं पर कोई चूक नहीं हुई है. इस आदेश का दुनिया में कहीं भी BYJU'S की किसी अन्य सहायक कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ा है. हम अपने उधारदाताओं के साथ पूरी मजबूती से बातचीत करना जारी रखेंगे ताकि एक समाधान निकाला जा सके.

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