Google के एक पूर्व कर्मचारी, प्रवीण शेषाद्री ने Google की वर्क कल्चर और मैनेजमेंट प्रेक्टेसिस की आलोचना करते हुए एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है. शेषाद्री ऐपशीट नाम के एक स्टार्टअप के फाउंडर थे.
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Google कई दिनों से काफी चर्चा में है. हाल ही में कंपनी ने 12 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. उसके बाद निकाले गए कर्मचारियों ने लिंक्डइन पर मोर्चा खोला और अपना दुख प्रकट किया. अब Google के एक पूर्व कर्मचारी, प्रवीण शेषाद्री ने Google की वर्क कल्चर और मैनेजमेंट प्रेक्टेसिस की आलोचना करते हुए एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है. शेषाद्री ऐपशीट नाम के एक स्टार्टअप के फाउंडर थे, जिसे 2020 की शुरुआत में Google क्लाउड द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था. शुरुआत से ही वो कंपनी का हिस्सा बन गए थे.
पूर्व गूगल कर्मचारी ने बताई सच्चाई
अपने ब्लॉग में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कंपनी ने अपने विजन को खो दिया है. शेषाद्रि ने ब्लॉग में खुलासा किया कि उन्होंने अपनी नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि एक समय की एक महान कंपनी ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया है. शेषाद्री ने ब्लॉग में लिखा, 'क्या गूगल ने दुनिया की जानकारी को जोड़ने पर काम कर रहा है? उन्होंने यह ट्रैक खो दिया है कि किसकी सेवा करनी है और क्यों. 8 साल तक लगातार काम करने के बाद मैं कह सकता हूं कि मैं अपने यूजर्स की सेवा करता हूं. लेकिन बहुत कम गूगल कर्मचारी ऐसा सोचते हैं.'
बताया क्या है कारण
उन्होंने जोर दिया कि वहां कल्चर में समस्या है लेकिन टेक्नोलॉजी में नहीं. उन्होंने बताया कि कंपनी में चार समस्याएं हैं. कोई इमर्जेंसी नहीं है, हर चीज मिनमैनेज है. कंपनी रिस्क पर ओवर फोकस्ड है. कोड की हर लाइन, हर लॉन्च और हर फैसलों को ध्यान से लिया जाता है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर कर्मचारी बाकी गूगल कर्मचारियों की सेवा करते हैं. उन्होंने कंपनी को एक क्लोज्ड वर्ल्ड बताया. उन्होंने बताया कि कर्मचारी अप्रूवल्स, लीगल रिव्यूज, परफॉर्मेंस रिव्यूज और मीटिंग्स में फंसे रहते हैं.
उन्होंने का कि गूगल बहुत तेजी से लोगों को काम पर रख रहा है. ज्यादा तेज भर्ती में खराब भर्ती होती है. शेषाद्री ने आखिर में कहा कि Google के लिए चीजों को बदलने की उम्मीद है, लेकिन कंपनी को "एक मिशन के प्रति कमिटमेंट के साथ नेतृडत्व करने" की जरूरत है, जो लोग "महत्वाकांक्षी कारणों" के लिए लड़ते हैं और मध्य प्रबंधन की परतों को ट्रिम करते हैं. वह सोचता है कि इन परिवर्तनों को प्राप्त करने के लिए एक हस्तक्षेप की आवश्यकता है.
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