Free Online Course के झांसे में न आएं, कोलकाता के शख्स को हुआ 20 लाख का साइबर फ्रॉड
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Free Online Course के झांसे में न आएं, कोलकाता के शख्स को हुआ 20 लाख का साइबर फ्रॉड

शख्स को फेसबुक पर एक विज्ञापन दिखा, जिसमें शेयर बाजार में सफलता के लिए टिप्स और ट्रिक्स देने का दावा किया गया था. वह उन टिप्स को पाने के लिए उस विज्ञापन से जुड़े ग्रुप में शामिल हो गया, लेकिन उसे धोखा दिया गया और उसकी जमा पूंजी चली गई.

Free Online Course के झांसे में न आएं, कोलकाता के शख्स को हुआ 20 लाख का साइबर फ्रॉड

हाल ही में, कोलकाता के एक व्यक्ति के साथ ऑनलाइन शेयर बाजार घोटाला हुआ और उन्हें 20 लाख रुपये का नुक़सान हुआ. बताया जा रहा है कि शख्स को फेसबुक पर एक विज्ञापन दिखा, जिसमें शेयर बाजार में सफलता के लिए टिप्स और ट्रिक्स देने का दावा किया गया था. वह उन टिप्स को पाने के लिए उस विज्ञापन से जुड़े ग्रुप में शामिल हो गया, लेकिन उसे धोखा दिया गया और उसकी जमा पूंजी चली गई.

ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में हुआ फ्रॉड

बेलीघाटा के रहने वाले 58 साल के प्रदीप सरकार ने कोलकाता पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि उन्हें और उनके 27 साल के बेटे, दोनों को ही कैंसर का इलाज कराना है और भविष्य की योजनाओं के लिए भी पैसों की जरूरत है. सरकार सीएसटीसी में काम करते थे और उन्होंने शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक डीमैट खाता खोला हुआ था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उनके शेयरों से अच्छा मुनाफा भी हो रहा था. लेकिन इलाज और अन्य खर्चों की वजह से सरकार और अधिक कमाने का रास्ता ढूंढ रहे थे.

एक दिन, दिसंबर में प्रदीप को फेसबुक पर एक ऐड दिखाई दिया, जिसमें फ्री में ऑनलाइन शेयर बाजार सीखने का कोर्स कराने का दावा किया जा रहा था. सीखने का मौका मिलने से खुश होकर, उन्होंने उस कोर्स में रजिस्ट्रेशन कर लिया. कोर्स चलाने वालों से बातचीत के बाद, उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल कर लिया गया और एक नकली सर्टिफिकेट भी दिया गया. ग्रुप में, कोर्स चलाने वाले स्टॉक टिप्स और सलाह देते थे, साथ ही दूसरे लोगों के अच्छे अनुभव भी बताते थे.

ऐसे शुरू हुआ स्कैम

प्रदीप बताते हैं कि धोखेबाज़ों ने उनके जैसे लोगों को छह टेलीग्राम ग्रुपों में बांट दिया था. प्रदीप ने कहा, 'उन्होंने इसे 'Unified Organisational Layout Plan' कहा और हमने 'Zoksa' नाम के एक संस्थागत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए शेयरों में निवेश करना शुरू किया. उन्होंने हमें सुझाव दिया कि हम अपनी सभी बीमा पॉलिसियों और जिन शेयरों में पहले से निवेश कर रहे थे उन्हें बेचकर उनके प्लेटफॉर्म पर निवेश करें.' प्रदीप आगे बताते हैं, 'उस समय, मेरे जोक्सा अकाउंट में दिखाया गया था कि मेरा पैसा अमेरिकी शेयरों में लगा है और मेरा निवेश 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. इसलिए, मैं कंपनी के माध्यम से निवेश करता रहा.'

पैसा निकालने पर आई परेशानी

लेकिन जब प्रदीप ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की, तो उन्हें दिक्कतें आईं. उन्होंने जब इस बारे में आयोजकों से बात की, तो उन्होंने उन्हें सिर्फ 10,000 रुपये वापस लौटाए और बाकी पैसे निकालने के लिए 13 लाख रुपये टैक्स और टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने को कहा. प्रदीप बताते हैं, '2 फरवरी को उन्होंने बताया कि हम 13 लाख रुपये टैक्स भरने और टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने के बाद ही सब पैसे निकाल सकते हैं.'

अब चल रही जांच

जब प्रदीप ने टेलीग्राम ग्रुप के दूसरे सदस्यों से संपर्क किया, तो उन्हें पता चला कि ज्यादातर सदस्य नकली या अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर थे. इससे उन्हें समझ आ गया कि उनके साथ धोखा हुआ है. प्रदीप ने बताया कि उन्होंने 16 जनवरी से 28 जनवरी के बीच 20 लाख रुपये गंवाए. उन्होंने कहा कि उनकी सारी बचत और खुद खरीदे गए शेयर भी चले गए. उन्होंने 9 फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उनके मामले की अभी जांच चल रही है.

ध्यान दें कि शेयर बाजार घोटाले कोई नई बात नहीं हैं. इसी तरह का एक और मामला हाल ही में सामने आया है, जिसमें अलुवा के एक आईटी पेशेवर को ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया था. वह ऑनलाइन ट्रेडिंग से ज्यादा कमाई करने की उम्मीद में फंस गया और उसे ₹50 लाख का नुकसान हुआ.

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