clove cultivation: लौंग की खेती हमेशा मानसून के महीने में की जाती है. इसकी खेती गर्म प्रदेशों में अधिक हाेती है. बुवाई के समय कम से कम 10 डिग्री तापमान चाहिए होता है.
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Farming Tips: बहुत से लोग लौंग की खेती करना पसंद करते हैं. भारत में कई हिस्सों में इसकी बड़ी संख्या में खेती की जाती है. खेती के समय आपको किन-किन बातों का ख्याल रखना है. यह जानना बहुत जरूरी है. खेती तो बड़े मन से लोग करते हैं मगर कभी-कभी उतना अच्छा फल नहीं मिल पाता है. इसका मतलब यह है कि कहीं ना कहीं कुछ कमी रह जाती है. जिसके कारण खेती में इतना दम नहीं आ पाता है, जितना आना चाहिए. आज हम आपको लौंग की खेती के बारे में कुछ ऐसी चीजें बताएंगे. जिससे आप की खेती बहुत अच्छी होगी.
मानसून के महीने में करें खेती
लौंग की खेती हमेशा मानसून के महीने में की जाती है. इसकी खेती गर्म प्रदेशों में अधिक की हाेती है. खेती करने में एक बात हमेशा ध्यान रखें की लौंग के पौधे की बुवाई के लिए कम से कम 10 डिग्री तापमान चाहिए होता है. यदि इतना तापमान नहीं हुआ तो फिर खेती इतने अच्छे से नहीं हो पाएगी.
पेड़ की वृद्धि के लिए चाहिए अधिक तापमान
जब आप खेती करते हैं उस समय तो 10 डिग्री का तापमान चाहिए होता है. इसके बाद पेड़ की वृद्धि तभी होती है जब तापमान और बढ़ेगा. मतलब की कम से कम 30 से 35 डिग्री का तापमान होने पर पेड़ की वृद्धि होती है और अच्छे फल निकलते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि लौंग की बुवाई के लिए मदर प्लांट से पके फल लेने चाहिए. इससे खेती अच्छी होती है.
बुवाई करने से पहले पानी में भिगो लें
जब आपको खेती में लौंग की बुवाई करनी हो तो उसे 1 दिन पहले पानी में भिगोकर रखें. इसके बाद दूसरे दिन उसके छिलके को उतार लें फिर बुवाई करें. बुवाई करते समय आपको यह ध्यान रखना है कि पौधों के बीच कम से कम 10 सेंटीमीटर की दूरी होना आवश्यक है.
जैविक खाद का करें प्रयोग
एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि आप खेती में जैविक खाद का प्रयोग करते हैं तो जमीन में ताकत आती है और आपकी फसल को अच्छा बनाती है. इसलिए इसकी खेती में यदि आपने जैविक खाद डाली है तो इसका परिणाम भी अच्छा देखने को मिलता है. जैविक खाद आप के पौधों को मजबूत करने का काम करती है.
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