Lady Justice: अक्सर इंडियन फिल्मों में कोर्ट रूम के सीन में आपने ये डायलॉग सुना होगा कि कानून अंधा होता है, क्योंकि न्याय की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बंधी होती है, तो आज आपको बताएंगे इस मूर्ति के प्रतीकों के बारे में, जो कम ही लोग जानते होंगे
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Statue of Lady Justice: आपने अक्सर फिल्मों, धारावाहिकों और वेब सारीज आदि में कोर्ट सीन देखा होगा, उसमें आपको हर सीन में कोर्ट रूम में एक कॉमन चीज जरूर नजर आती होगी, यह कॉमन चीज है जज के बगल में रखी एक मूर्ति. आमतौर पर सफेद रंग की इस मूर्ति की आंखों पर काले रंग की एक पट्टी बंधी होती है और उसके एक हाथ में तराजू, जबकि दूसरे हाथ में तलवार होती है. विश्व भर में इस मूर्ती को गॉडेस ऑफ जस्टिस (Goddess of Justice) कहा जाता है. न्याय की देवी दुनिया भर में न्याय व्यवस्था को दर्शाती है. क्या कभी आपके जेहन में यह सवाल नहीं आया कि आखिर क्यों इस मूर्ति की आंखों पर ब्लैक पट्टी बंधी होती है? ऐसे में आज हम जानेंगे कि आखिर ऐसा क्यों है...
यहां से लिया गया है Lady Justice का कॉन्सेप्ट
कहा जाता है कि गॉडेस ऑफ जस्टिस का कॉन्सेप्ट मिस्र और यूनान से आया है. दरअसल, दुनियाभर के कोर्ट रूम में नजर आने वाली ये मूर्ति मिस्र की देवी माट और यूनान की देवी थेमिस और डाइक से प्रेरित है. जानकारी के मुताबिक मिस्र में गॉडेस माट को संतुलन, समरसता, न्याय, कानून और व्यवस्था का प्रतीक माना जाता है. जबकि, यूनान की गॉडेस थेमिस सच्चाई, कानून और व्यवस्था और गॉडेस डाइक असली न्याय और नैतिक व्यवस्था को दर्शाती हैं.
जस्टीशिया हो गईं लेडी जस्टिस
वहीं, आज के समय में जो मूर्ति अदालतों में रखी जाती है, कहते हैं कि इस लेडी जस्टिस का कॉन्सेप्ट रोमन मिथकों से आया है. दरअसल, रोमन के लोग इन्हीं तीन देवियों की तर्ज पर जस्टीशिया को न्याय की देवी मानते थे. इस तरह धीरे-धीरे जस्टीशिया ही लेडी जस्टिस हो गईं.
लेडी जस्टिस के प्रतीकों का क्या है अर्थ?
लेडी जस्टिस की आंखों पर काली पट्टी बंधी होती है, जो समता का प्रतीक मानी जाती है. उनकी आंखों पर पट्टी इसलिए बांधी गई है ताकि न्याय करते समय किसी के साथ भी भेदभाव ना हो. वहीं, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि पट्टी की अवधारणा 17वीं शताब्दी में आई और इसे कानून के अंधेपन के तौर पर देखा गया.
न्याय की देवी ने अपने एक हाथ में तराजू पकड़ी है, जिसका कॉन्सेप्ट मिस्र से आया है, क्योंकि वहां तराजू को न्याय और संतुलन का प्रतीक माना जाता है, जो दर्शाता है कि किसी के साथ न्याय करते समय दोनों पक्षों को सुना जाएगा.
इसके अलावा कानून की देवी के एक हाथ में तलवार भी होती है, जो शक्ति का प्रतीक है. इसे अथॉर्टी और पावर के तौर पर देखा जाता है. इसका मतलब है कि जो भी न्याय हुआ है, उसे लागू करवाने की पूरी ताकत न्याय की देवी के पास होती है.