WFI Suspended: तिरंगे के नीचे नहीं खेल पाएंगे भारतीय पहलवान, UWW ने WFI को अचानक किया सस्पेंड
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WFI Suspended: तिरंगे के नीचे नहीं खेल पाएंगे भारतीय पहलवान, UWW ने WFI को अचानक किया सस्पेंड

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने कुश्ती का कामकाज देखने के लिए 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल की नियुक्ति की थी. UWW ने 28 अप्रैल को चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव कराने के लिए समय सीमा का पालन नहीं किया जाता है तो वह भारतीय महासंघ को निलंबित कर सकता है.

WFI Suspended: तिरंगे के नीचे नहीं खेल पाएंगे भारतीय पहलवान, UWW ने WFI को अचानक किया सस्पेंड

UWW Suspends WFI: वर्ल्ड रेसलिंग की सर्वोच्च संस्था United World Wrestling federation (UWW) ने समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling federation Of India) को सस्पेंड कर दिया, जिसका मतलब है कि भारतीय पहलवान आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय तिरंगे के तले नहीं खेल पाएंगे. भारतीय पहलवान 16 सितंबर से शुरू होने वाली वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में तटस्थ खिलाड़ी के रूप में भाग लेंगे. वर्ल्ड चैंपियनशिप पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग प्रतियोगिता भी है.

तिरंगे के नीचे नहीं खेल पाएंगे भारतीय पहलवान

भूपेंद्र सिंह बाजवा की अगुवाई वाले तदर्थ पैनल को 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने की समय सीमा दी गई थी, लेकिन वह इसका पालन करने में नाकाम रहे. भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने कुश्ती का कामकाज देखने के लिए 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल की नियुक्ति की थी. UWW ने 28 अप्रैल को चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव कराने के लिए समय सीमा का पालन नहीं किया जाता है तो वह भारतीय महासंघ को निलंबित कर सकता है. United World Wrestling federation ने चुनाव ना होने की वजह से भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को सस्पेंड किया. United World Wrestling federation ने 30 मई को भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखा था. पत्र के जरिए विश्व कुश्ती संघ ने चेतावनी दी थी कि अगले 45 दिन में भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव सम्पन्न हो जाना चाहिए. ये मियाद 15 जुलाई तक थी.

UWW ने WFI को अचानक किया सस्पेंड

IOA के सूत्रों ने पीटीआई से कहा,‘UWW ने बुधवार की रात को तदर्थ पैनल को बताया कि कार्यकारिणी के चुनाव नहीं कराने के कारण डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया गया है.’ WFI पहले सात मई को होने थे, लेकिन खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य करार दे दिया था. कई असंतुष्ट और असंबद्ध राज्य इकाइयों के मतदान में भाग लेने का अधिकार हासिल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के कारण चुनाव कई बार स्थगित किए गए. 

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