Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध का खेलों पर पड़ा असर, इस बड़े टूर्नामेंट से हटा भारत
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Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध का खेलों पर पड़ा असर, इस बड़े टूर्नामेंट से हटा भारत

Israel-Hamas War: इजराइल ने इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास (Hamas) के खिलाफ हमला शुरू कर दिया है. इस संघर्ष का असर अब खेलों पर भी पड़ने लगा है. इसी बीच युद्ध के चलते भारत ने एक बड़े चेस टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है.

Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध का खेलों पर पड़ा असर, इस बड़े टूर्नामेंट से हटा भारत

World Cadet Chess Championship: इजरायल और हमास के बीच जारी खूनी संघर्ष का असर खेलों पर भी पड़ रहा है. भारतीय टीम ने इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष (Israel-Hamas War) के मद्देनजर शनिवार से शर्म-अल-शेख में शुरू होने वाली विश्व कैडेट शतरंज चैंपियनशिप (World Cadet Chess Championship) से नाम वापस ले लिया है. डर है कि इससे खिलाड़ियों और अधिकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.

39 खिलाड़ियों का करना था दौरा

टूर्नामेंट में देश के 39 खिलाड़ियों को हिस्सा लेना था जिसका आयोजन स्थल इजराइल सीमा से 400 किमी से कम की दूरी पर है. टूर्नामेंट में अंडर-12, अंडर-10 और अंडर-8 वर्ग की स्पर्धाएं होनी हैं. अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने गाजा में तनावपूर्ण स्थिति को ध्यान में रखते हुए विश्व संस्था फिडे (FIDE) से टूर्नामेंट को स्थगित करने का अनुरोध किया है. एआईसीएफ ने बयान में कहा, ‘इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में चल रही स्थिति और प्रतिभागियों की उम्र को ध्यान में रखते हुए उचित विचार-विमर्श के बाद वर्ल्ड कैडेट शतरंज चैंपियनशिप-2023 से भारतीय टीम को नहीं भेजने का निर्णय लिया गया.’

400 किमी की है दूरी

एआईसीएफ के सूत्रों के अनुसार लगभग 80 लोगों को टूर्नामेंट के लिए शर्म-अल-शेख जाना था जिसमें खिलाड़ी, कोच और खिलाड़ियों के साथ आए लोग शामिल थे. बयान में कहा गया है, ‘अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने युवा खिलाड़ियों की सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करते हुए ये निर्णय लिया क्योंकि मिस्र की सीमा गाजा के साथ-साथ इजराइल से भी लगती है. चैंपियनशिप का मेजबान शहर शर्म-अल-शेख इजराइल सीमा से 400 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है और संघर्ष की स्थिति में काफी कम समय में पश्चिम एशिया में वाणिज्यिक एयरलाइन प्रभावित हो सकती हैं.’

फ्लाइट को लेकर भी अनिश्चितता

बयान के अनुसार, ‘महासंघ ने अप्रत्याशित घटना और अप्रत्याशित परिदृश्यों के आधार पर ये मुश्किल फैसला लिया क्योंकि खिलाड़ियों की सुरक्षा को सर्वोपरि महत्व दिया जाता है, भले ही हमारे खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता के लिए लगभग एक वर्ष की ट्रेनिंग की हो.’ अधिकारी ने ये भी कहा कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखना था और गाजा की स्थिति के कारण फ्लाइट को लेकर अनिश्चितताएं हैं. (PTI से इनपुट)

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