Indian Cricket: क्रिकेट किट खरीदने के लिए डिलीवर किए दूध के पैकेट, इस दिग्गज की कहानी सुन नम हो जाएंगी आंखें!
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Indian Cricket: क्रिकेट किट खरीदने के लिए डिलीवर किए दूध के पैकेट, इस दिग्गज की कहानी सुन नम हो जाएंगी आंखें!

Cricketer Struggle Story: कोई भी इंसान बड़े मुकाम पर पहुंचने से पहले संघर्ष करता है. भारत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने भी मुश्किल सफर तय करने के बाद मंजिल पाई है. एक ऐसे ही दिग्गज क्रिकेटर की कहानी संघर्षों से भरी है, जिसने क्रिकेट किट खरीदने के लिए दूध के पैकेट तक डिलीवर किए.

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Indian Star Rohit Sharma Struggle Story: कोई भी शख्स जब बड़ा मुकाम हासिल करता है, तो उसके पीछे की कहानी संघर्ष से भरी होती है. किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने से पहले संघर्ष करना पड़ता है. भारत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने भी मुश्किल सफर तय करने के बाद आज एक खास मुकाम पाया है. एक ऐसे ही दिग्गज क्रिकेटर की कहानी संघर्षों से भरी है, जिसने क्रिकेट किट खरीदने के लिए दूध के पैकेट तक डिलीवर किए. आज वही खिलाड़ी भारत के सुपरस्टार में गिना जाता है.

टीम इंडिया के इस सुपरस्टार की कहानी है संघर्ष से भरी

टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों की कहानी संघर्षों से भरी है. ऐसे ही दिग्गज ओपनर और टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा की कहानी भी है. रोहित आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम की कप्तानी भी संभालते हैं, जो सबसे सफल फ्रेंचाइजी है. इस बीच रोहित को लेकर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के सदस्य और भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने पुरानी बातों को याद किया.

ओझा ने खोले राज

पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने बताया कि रोहित शर्मा ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. ओझा ने बताया कि कैसे रोहित क्रिकेट किट खरीदने के लिए दूध के पैकेट तक डिलीवर करते थे. ओझा ने बताया कि वह रोहित से पहली बार अंडर-15 नेशनल कैंप में मिले थे. एक इंटरव्यू में ओझा ने यह भी खुलासा किया कि मुंबई के रहने वाले रोहित अपने पुराने दिनों पर बात करते हुए भावुक हो गए थे.

रोहित का संघर्ष बताया

ओझा ने कहा, 'वह (रोहित) एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. मुझे याद है कि एक बार जब हमने पुराने दिनों पर चर्चा की थी, तब रोहित ने बताया कि क्रिकेट किट के लिए उनका बजट कैसे खराब रहा. वह भावुक हो गए थे. वास्तव में उन्होंने दूध के पैकेट भी डिलीवर किए. यह बहुत समय पहले की बात है. अब जब मैं उन्हें देखता हूं, तो मुझे बहुत गर्व महसूस होता है कि हमारा सफर कैसे शुरू हुआ और हम कहां पहुंचे.'

'ज्यादा बोलते नहीं थे रोहित'

पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर ओझा ने कहा, 'जब मैं पहली बार अंडर-15 राष्ट्रीय कैंप में रोहित से मिला, तो सभी ने कहा कि वह एक बहुत ही खास खिलाड़ी हैं. वहां मैंने उनके खिलाफ खेला और उनका विकेट भी लिया. रोहित बंबई का ठेठ लड़का था जो ज्यादा बोलता नहीं था लेकिन जब खेलता तो काफी आक्रामक रहता. वास्तव में, मुझे बहुत हैरानी हुई कि जब हम एक दूसरे को नहीं जानते थे तो वह मेरे साथ इतना आक्रामक क्यों हो रहा था लेकिन उसके बाद हमारी दोस्ती बढ़ने लगी.'

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