Arshad Nadeem With India Flag: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल है. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम की दोस्ती की खूब चर्चा हो रही है.
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Neeraj Chopra and Arshad Nadeem: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल है. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम की दोस्ती की खूब चर्चा हो रही है. बता दें कि वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में भारत के नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता और पाकिस्तान के अरशद नदीम ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. गोल्ड मेडल जीतने के बाद जब नीरज चोपड़ा भारतीय तिरंगे के साथ फोटो खिंचवा रहे थे, तो उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया जिसने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया.
भारत के झंडे के साथ इस PAK खिलाड़ी ने खिंचवाई फोटो
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में गोल्ड मेडल जीतने के बाद जब नीरज चोपड़ा भारतीय तिरंगे के साथ फोटो खिंचवा रहे थे, तो उन्होंने पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम को अपने पास बुलाया और साथ फोटो खिंचवाने के लिए इनवाइट किया. फिर क्या था, पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा के साथ भारतीय तिरंगे के तले फोटो खिंचाई. पाकिस्तान के एथलीट को पूरी दुनिया के सामने इस तरह तिरंगे के साथ फोटो खिंचवाता देखने के बाद सोशल मीडिया पर भारत और पाकिस्तान के फैंस ने जमकर रिएक्शंस दिए हैं.
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एक समय यूरोप की तूती बोलती थी
भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल के लिए अरशद नदीम के रूप में कड़ी चुनौती मिलेगी, लेकिन पाकिस्तान के इस टॉप खिलाड़ी ने कहा कि अभी दोनों एथलीट ऐसे खेल में दबदबा बनाकर बहुत खुश हैं, जिसमें एक समय यूरोप की तूती बोलती थी. क्रिकेट के प्रति जुनूनी पाकिस्तान में नदीम वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहले एथलीट बनकर सुर्खियों में छा गए हैं.
नीरज चोपड़ा के साथ दोस्ती पर ये बोले नदीम
नदीम ने कहा, ‘नीरज और मेरे बीच काफी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है और हम एक दूसरे का बहुत सम्मान करते हैं. पाकिस्तान-भारत जैसी कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है. जब हम बातचीत करते हैं तो हमें खुशी होती है कि हम ऐसी प्रतिस्पर्धा में नाम कमा रहे हैं, जिसमें आमतौर पर यूरोपीय एथलीट का दबदबा रहता था.’ यह नदीम का पहला पदक नहीं है. उन्होंने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में 90.18 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से स्वर्ण पदक जीता था. नदीम का कहना है कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप के रजत पदक से काफी संतोष मिला, क्योंकि वह चोपड़ा के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर रहे थे जो हाल के वर्षों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं. चोपड़ा ‘ग्रोइन’ चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं ले सके थे और अरशद ने यूरोपीय खिलाड़ियों के दबदबे के बावजूद स्वर्ण पदक जीता.
एक ही समय में सुर्खियों में आए
रविवार को फाइनल के बाद चोपड़ा ने अपने पाकिस्तानी प्रतिद्वंद्वी को ‘विक्ट्री लैप’ में शामिल करने के लिए बुलाया. नदीम ने कहा, ‘मेरे लिए 87.82 मीटर का थ्रो फेंकना बहुत संतोषजनक उपलब्धि है क्योंकि कोहनी की चोट के कारण मैं करीब एक साल के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में वापसी कर रहा था.’ चोपड़ा और नदीम के बीच प्रतिद्वंद्विता अब भाला फेंक जगत में चर्चा का विषय बन गई है. रविवार को यह चीज काफी दिलचस्प रही कि पहली बार पाकिस्तान और भारतीय एथलीट वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक ही समय में सुर्खियों में आए.
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर बातें चलने लगी
नदीम के रजत पदक जीतते ही पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर उनकी उपलब्धि के लिए उपयुक्त पुरस्कार सुनिश्चित किए जाने की बातें चलने लगी और सबसे पहले उन्हें बधाई कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने दी. वह क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनके बड़े भाईयों और स्कूल के खेल शिक्षक ने उन्हें एथलेटिक्स में आने के लिए प्रोत्साहित किया. नदीम ने कहा, ‘मैं क्रिकेटर बनना चाहता था लेकिन मेरे भाईयों और खेल शिक्षक ने कहा कि मेरी कद काठी शीर्ष एथलीट की है.’ नदीम का ध्यान अगले साल पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के अपने लक्ष्य पर लगा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘मैं अपने देश के लिए ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतना चाहता हूं. इसके लिए काफी कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग करनी होगी, इसके लिए सर्वश्रेष्ठ उपकरण चाहिए होंगे, लेकिन मैं जानता हूं कि मैं सर्वश्रेष्ठ एथलीट के खिलाफ अच्छा करने में सक्षम हूं.’ नदीम के पास भी अपने समकालीन खिलाड़ियों की तरह शीर्ष कोच, विदेशी ट्रेनिंग और सर्वश्रेष्ठ उपकरण की सुविधाएं नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान एथलेटिक्स महासंघ हमेशा तंगी में रहता है और देश में भाला फेंक खिलाड़ियों के लिए शीर्ष स्तरीय ट्रेनिंग सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. लेकिन नदीम अपने नियोक्ता ‘वापदा’ के प्रति शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने उन्हें कोच और ट्रेनिंग के लिए सुविधाएं मुहैया कराई हैं.