Ind vs Eng: इंग्लैंड टेस्ट के दौरान नस्लीय टिप्पणी करना फैंस को पड़ा भारी, अब होने जा रहा ये बड़ा ऐक्शन
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Ind vs Eng: इंग्लैंड टेस्ट के दौरान नस्लीय टिप्पणी करना फैंस को पड़ा भारी, अब होने जा रहा ये बड़ा ऐक्शन

Ind vs Eng Test: भारतीय फैंस को एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन नस्लवाद का सामना करना पड़ा का सामना करना पड़ा था. ईसीबी ने इस मुद्दे पर बड़ा एक्शन लेने का फैसला किया है. 

Ind vs Eng: इंग्लैंड टेस्ट के दौरान नस्लीय टिप्पणी करना फैंस को पड़ा भारी, अब होने जा रहा ये बड़ा ऐक्शन

Ind vs Eng Test: टीम इंडिया के फैंस को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच के दौरान नस्लवाद का सामना करना पड़ा का सामना करना पड़ा था. इंग्लैंड के फैंस को ऐसा करना अब भारी पड़ने वाला है. इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और वारविकशर काउंटी क्रिकेट क्लब ने कहा है कि भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में पांचवें टेस्ट के चौथे दिन के खेल के दौरान भारतीय प्रशंसकों से नस्ली दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच शुरू की गई है. 

भारतीय फैंस ने की थी शिकायत

कई भारतीय प्रशंसकों ने चौथे दिन के खेल के दौरान अन्य प्रशंसकों के नस्ली बर्ताव की जानकारी सोमवार रात ट्विटर पर साझा की थी. उन्होंने दावा किया कि ब्रिटेन के कुछ प्रशंसकों ने उनके प्रति नस्ली टिप्पणी की.यॉर्कशर के पूर्व क्रिकेटर अजीम रफीक ने नस्ली बर्ताव की जानकारी देने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को रीट्वीट किया. ब्रिटेन की संसदीय समिति के समक्ष पिछले साल रफीक की गवाही के बाद यॉर्कशर में संस्थागत नस्लवाद के दावों की जांच हुई थी और बड़े सुधारवादी कदम उठाए गए थे.रफीक ने कहा, 'यह पढ़कर निराश हूं.'

वारविकशर ने जारी किया बयान

वारविकशर ने इस घटना के बाद बयान जारी करके कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं. एजबस्टन के मुख्य कार्यकारी स्टुअर्ट केन ने कहा, 'इस तरह की खबरों से मैं निराश हूं क्योंकि हम एजबेस्टन को सभी के लिए सुरक्षित और स्वागत योग्य माहौल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.'

कर्मचारियों ने नहीं लिया एक्शन

होलीस स्टैंड में मौजूद एक दर्शक ने आरोप लगाया कि कई शिकायत करने के बावजूद वहां मौजूद कर्मचारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.एक दर्शक ने कई ट्वीट करते हुए लिखा, 'एजबस्टन के ब्लॉक 22 एरिक होलीस में भारतीय प्रशंसकों के साथ नस्ली दुर्व्यवहार किया गया. लोगों ने हमें अपशब्द कहे. हमने वहां मौजूदा कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी और उन्हें दोषियों को कम से कम 10 बार दिखाया लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और हमें अपनी सीट पर बैठने को कहा गया.'

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