खतरे में था टीम इंडिया के इस खिलाड़ी का करियर! अब धमाकेदार अंदाज में की वापसी
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खतरे में था टीम इंडिया के इस खिलाड़ी का करियर! अब धमाकेदार अंदाज में की वापसी

Team India: चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहने का किसी पर भी मानसिक असर पड़ सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल वापसी के बाद दीपक चाहर का मानना है कि करियर को खतरे में डालने वाली पैर की मांसपेशियों की चोट के कारण उन्होंने जहां खेल को छोड़ा था वहीं से शुरुआत की.

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Team India: चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहने का किसी पर भी मानसिक असर पड़ सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल वापसी के बाद दीपक चाहर का मानना है कि करियर को खतरे में डालने वाली पैर की मांसपेशियों की चोट के कारण उन्होंने जहां खेल को छोड़ा था वहीं से शुरुआत की.

खतरे में था टीम इंडिया के इस खिलाड़ी का करियर

लगभग छह महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे राजस्थान के तेज गेंदबाज चाहर ने जिंबाब्वे के खिलाफ 27 रन देकर तीन विकेट चटकाए जिसके लिए उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. चाहर से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि टी20 वर्ल्ड कप में उनके खेलने का रास्ता खुल सकता है तो उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे चुना जाएगा या नहीं क्योंकि यह मेरे हाथ में नहीं है लेकिन कौशल की बात करें तो मैंने कड़ी मेहनत की है.’

अब धमाकेदार अंदाज में की वापसी

चाहर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने वहीं से शुरुआत की जहां छोड़ा था और आज भी शुरुआती दो ओवर को छोड़कर मैंने अच्छी गेंदबाजी की. मैंने एक साथ सात ओवर गेंदबाजी की जो दर्शाता है कि मेरी फिटनेस का स्तर ठीक है.’ लय हासिल करने वाले चाहर सुबह के सत्र में गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने में सफल रहे और उन्होंने खुलासा किया कि उनकी योजना फुल लेंथ गेंदबाजी करने की थी.

स्विंग को बनाया अपना हथियार 

चाहर ने कहा, ‘मेरी योजना सामान्य सी थी, जब गेंद स्विंग हो रही हो तो फुल लेंथ गेंदबाजी करने का प्रयास करो और विकेट चटकाओ. अगर गेंद स्विंग नहीं हो रही हो तो मेरे पास ‘बी’ या ‘सी’ योजना भी होती है. आज जब मैं गेंदबाजी कर रहा था तो सात ओवर तक गेंद स्विंग हो रही थी. इसलिए सामान्य सी बात थी कि फुल लेंथ गेंदबाजी करो और स्विंग का मिश्रण करके बल्लेबाजों को भ्रम में डालो.’

वनडे इंटरनेशनल सीरीज से वापसी का मौका

टी20 विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जाने वाले चाहर ने कहा कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में जब उनका रिहैबिलिटेशन पूरा होने वाला था तो उन्हें पता था कि उन्हें जिंबाब्वे में वनडे इंटरनेशनल सीरीज से वापसी का मौका मिलेगा और उन्होंने अपने शरीर को 50 ओवर के प्रारूप के अनुकूल तैयार किया. इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘मुझे पता था कि मैं इस सीरीज में वापसी करूंगा जो वनडे सीरीज है इसलिए मैंने अपने शरीर पर उसी के अनुसार बोझ डालना शुरू कर दिया. जिस दिन मैंने गेंदबाजी शुरू की उस दिन मैंने छह ओवर फेंके और फिर जब मैंने दो-तीन अभ्यास मैच खेले तो मैंने पूरे 10 ओवर गेंदबाजी की.’

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