NASA Mars Mission: मगंल ग्रह पर अनोखी आवाज सुनकर हैरान हुए रिसर्चर! रोवर माइक्रोफोन से किया गया रिकॉर्ड
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NASA Mars Mission: मगंल ग्रह पर अनोखी आवाज सुनकर हैरान हुए रिसर्चर! रोवर माइक्रोफोन से किया गया रिकॉर्ड

NASA Perseverance: रोवर माइक्रोफोन ने लाल ग्रह पर धूल के बवंडर की आवाज रिकॉर्ड की हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगल ग्रह की सतह पर अक्सर धूल के गुबार उठते हैं लेकिन वह बहुत कमजोर होते हैं. कभी - कभी ये बवंडर काफी खतरनाक भी हो जाते हैं.

फाइल फोटो

Perseverance Rover Mars Mission: मंगल ग्रह की सतह पर अक्सर धूल के गुबार उठते हैं लेकिन वह बहुत कमजोर होते हैं. शायद ही यह कभी एक मिनट से अधिक रहते हैं. धूप में तपकर हवा गर्म हो जाती है और वह उपर की ओर उठती है. इसके बाद चक्करदार हवाएं अपने साथ धूल लेकर आगे की ओर बढ़ती हैं. आमतौर पर यह बवंडर हल्के होते हैं लेकिन कभी - कभी यह धूल के बवंडर बेहद खतरनाक हो जाते हैं. 1970 के दशक से मंगल ग्रह पर डस्ट डेविल दिखाई देते रहे हैं. मंगल ग्रह के वातावरण में मौजूद धूल गर्म होकर तूफान (धूल के तूफान) में भी बदल जाती है. तूफान थमने पर धूल फिर से स्थिर हो जाती है.

सौर पैनलों पर जम जाती है धूल

इन धूल के बवंडरों से वैज्ञानिकों को सबसे ज्यादा तब परेशानी होती है जब यह उन सौर पैनलों पर जम जाते हैं जो मंगल ग्रह पर वैज्ञानिकों द्वारा भेजे गए उपग्रहों को चलाने का काम करते हैं. धूल जमने के बाद यह पैनल निष्क्रिय हो जाते हैं. हाल ही इन डस्ट डेविल की आवाज को रिकॉर्ड करने में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है. हालांकि डस्ट डेविल के काम करने के तरीके के बारे में लोग बहुत कुछ नहीं जानते हैं. इनसे जुड़े शोध को नेचर कम्युनिकेशंस में इस सप्ताह प्रकाशित किया गया.

शोध से मिलेंगे कई जवाब

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस शोध से कई सवालों के जवाब मिलेंगे. गौरतलब है कि नदियों और झीलों के गायब होने के बाद से मंगल पर भारी मात्रा में कटाव हुआ है जिसमें नासा के वर्तमान रोवर्स क्यूरियोसिटी और पर्सिवरेंस दोनों के लैंडिंग स्थल भी शामिल हैं. यह बात तय है कि मंगल ग्रह पर डस्ट डेविल काफी कमजोर होते हैं लेकिन ये भी मुमकिन है कि इस कटावों के लिए सालों से चल रहे ये बवंडर जिम्मेदार हों. वैज्ञानिकों का ऐसा अनुमान है कि मंगल पर बने कटाव इन डस्ट डेविल के कारण हो सकते हैं.

इस तरह किया गया रिकॉर्ड

फ्रांस में टूलूज विश्वविद्यालय के नाओमी मर्डोक के नेतृत्व में यह रिसर्च की गई. सुपरकैम नाम के रोवर के मास्टहेड कैमरे पर लगे एक माइक्रोफोन के जरिए इसकी आवाज को रिकॉर्ड किया गया. इसमें हवा के ऊपर उठने और नीचे गिरने की आवाज है. इस आवाज के अनुसार जब धूल के गोल बवंडर का एक हिस्सा रोवर के पास से गुजरा तो हवा का शोर बढ़ गया. इसके बाद मध्य के खोखले भाग के गुजरने के समय हवा खामोश रही और हवा का शोर दूसरी बार तब आया जब बवंडर का दूसरा भाग रोवर के करीब से गुजरा. इसमें दस सेकंड से भी कम समय लगा.

ऐसा है डस्ट डेविल का आकार

मंगल ग्रह पर धूल का यह बवंडर लगभग 25 मीटर व्यास का था और यह कम से कम 118 मीटर लंबा था और लगभग पांच मीटर प्रति सेकंड की गति से जमीन पर आगे बढ़ रहा था. घूर्णन भंवर में अधिकतम हवा की गति करीब 11 मीटर प्रति सेकंड से कम थी जो पृथ्वी पर सामान्य से तेज हवा चलने पर होने वाली आवाज के बराबर थी.

(इनपुट: एजेंसी)

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