Vikram Lander: विक्रम लैंडर से सौ मीटर दूर हुआ रोवर, अब निष्क्रिय करने की प्रक्रिया होगी शुरू
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Vikram Lander: विक्रम लैंडर से सौ मीटर दूर हुआ रोवर, अब निष्क्रिय करने की प्रक्रिया होगी शुरू

Chandrayaan 3 Mission:  23 अगस्त को चांद की सतह पर चंद्रयान 3 उतरा था, विक्रम लैंडर के पेट से निकल कर प्रज्ञान रोवर अब तक चांद की सतह पर 200 मीटर की दूरी तय कर चुका है.

Vikram Lander: विक्रम लैंडर से सौ मीटर दूर हुआ रोवर, अब निष्क्रिय करने की प्रक्रिया होगी शुरू

Vikram Lander Pragyan Rover News: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें निष्क्रिय किया जाएगा. सोमनाथ ने कहा कि विक्रम लैंडर  और प्रज्ञान रोवर अब भी काम कर रहे हैं. हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है. उन्होंने कहा kf अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (Moon) रात होने वाली वाली है.

कामयाब है चंद्रयान 3 मिशन

इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केन्द्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों अपनी जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर चहलकदमी कर कई महत्वपूर्ण जानकारियां भेजी है. जिस मकसद को हम हासिल करना चाहते थे उस दिशा में विक्रम और प्रज्ञान दोनों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की है. चंद्रयान 3 मिशन से मिलने वाली जानकारी ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के दूसरे देशों की भी मदद करेगी.

23 अगस्त को हुई थी सॉफ्ट लैंडिंग

बता दें कि 14 जुलाई को चंद्रयान 3 की लांचिंग श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से किया गया था और चालीस दिन के सफर के बाद 23 अगस्त को शाम 6 बजकर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर सफलता के साथ उतरा था. उस खास मौके पर जोहानिसबर्ग से पीएम मोदी ने कहा था कि यह सिर्फ भारत की कामयाबी नहीं है बल्कि दुनिया के लिए गर्व का विषय है. जोहानिसबर्ग से आने के बाद वो सीधे बेंगलुरु स्थित इसरो के मुख्यालय गए और वैज्ञानिकों के संबोधन में कहा कि जिस जगह पर विक्रम ने लैंडिंग की है उसे शिवशक्ति प्वाइंट के नाम से और जहां चंद्रयान 2 मिशन में विक्रम ने लैंडिंग की थी उसे तिरंगा प्वाइंट के नाम से जाना जाएगा.

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