Alcohol Hangover Cure: वैज्ञानिकों ने हैंगओवर का इलाज ढूंढ लिया है. उन्होंने ऐसा जेल तैयार किया है जो हैंगओवर शुरू होने से पहले ही शरीर में शराब के असर को खत्म कर देता है.
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Anti Hangover Gel: शराब पीने के बाद कई लोगों को हैंगओवर हो जाता है. वैज्ञानिकों ने ऐसा जेल बनाया है जो हैंगओवर को रोक सकता है. इस जेल को मिल्क प्रोटीन्स और गोल्ड नैनोपार्टिकल्स से तैयार किया गया है. अभी इसका डेवलपमेंट शुरुआती चरण में है लेकिन चूहों पर स्टडी में कामयाबी मिली है. यह जेल स्विट्जरलैंड की ETH ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के मटेरियल्स डिपार्टमेंट ने बनाया है. रिसर्चर्स के मुताबिक, यह जेल अल्कोहल डिटॉक्सिफिकेशन में बड़े काम आ सकता है. उन्होंने चूहों में प्रयोग के दौरान पाया कि जेल के इस्तेमाल से खून में अल्कोहल की मात्रा 30 मिनट में 40% तक कम हो गई. शराब पीने के बाद लिवर के भीतर उसका ब्रेकडाउन होता है. नया जेल शराब को लिवर के बजाय डाइजेस्टिव ट्रैक में ब्रेकडाउन कराता है. लिवर में शराब के मेटाबोलाइज होने से हानिकारक ऐसीटेल्डिहाइड बनते हैं. ऐसीटेल्डिहाइड ही हैंगओवर के तमाम लक्षणों की वजह माने जाते हैं. हैंगओवर के लक्षणों में मतली, सिरदर्द, मुंह का सूखना, लोअर ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट का बढ़ना, स्किन के टेंप्रेचर में इजाफा और चेहरे का लाल होना शामिल है.
वैज्ञानिकों ने दिखाया कि उनका जेल लिवर के बजाय आंत में शराब का ब्रेकडाउन कराता है. डाइजेस्टिव ट्रैक में शराब के मेटाबोलाइजेशन से ऐसीटेल्डिहाइड नहीं बनते, बल्कि कम हानिकारक एसिटिक एसिड निकलता है. प्रयोग के लिए, वैज्ञानिकों ने पहले चूहों को शराब पिलाई. कुछ चूहों को शराब के साथ यह जेल मिलाकर दिया गया. शराब पीने के 30 मिनट के भीतर ही ऐसे चूहों का ब्लड अल्कोहल लेवल 40 प्रतिशत तक घट गया. 5 घंटों के भीतर ब्लड अल्कोहल लेवल में 50% से ज्यादा की गिरावट देखी गई.
जिन चूहों को रोज शराब के साथ जेल दिया जाता था, उनका वजन कम घटा. उनके लिवर का फैट मेटाबॉलिज्म भी बाकी चूहों से कहीं बेहतर था. इससे पता चला कि यह जेल कई अंगों को शराब से होने वाले नुकसान को भी रोक सकता है.
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स्टडी में एक्सपर्ट्स ने कहा कि 'शराब पीना सेहत के लिहाज से बिल्कुल ठीक नहीं है. हालांकि, यह जेल उन लोगों में दिलचस्पी जगा सकता है जो पूरी तरह शराब नहीं छोड़ना चाहते लेकिन शरीर को ज्यादा तनाव भी नहीं देना चाहते.'
यह जेल शराब को कम नुकसान करने वाले एसिटिक एसिड में बदल देता है. उसके बाद हमारा शरीर इस एसिड को पानी और कार्बन डाइऑक्साइड में तोड़ देता है. लेकिन यह जेल तभी कारगर है जब शराब डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में ही हो. एक बार शराब खून में मिल गई, फिर उसके हानिकारक असर को यह जेल भी नहीं रोक सकता. इंसानों के लिए यह जेल उपलब्ध होने में अभी लंबा सफर लगेगा. इसे अभी तमाम ट्रायल्स और सेफ्टी जांच से गुजरना होगा.