Oldest oven: लाखों साल पहले हमारे पूवर्जों के पास भी था ओवन, मछली पकाने के लिए करते थे इस्तेमाल
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Oldest oven: लाखों साल पहले हमारे पूवर्जों के पास भी था ओवन, मछली पकाने के लिए करते थे इस्तेमाल

Ancient Technology: कुछ रिसर्चर आज भी मानते हैं कि हजारों साल पहले जिस तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोग करते थे वो उन दिनों के हिसाब से कुछ ज्यादा एडवांस रही होगी. क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं कि आज से लाखों साल पहले भी लोगों के पास खाना पकाने के लिए ओवन था!

Oldest oven: लाखों साल पहले हमारे पूवर्जों के पास भी था ओवन, मछली पकाने के लिए करते थे इस्तेमाल

Ancient Microwave Oven: माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल इन दिनों बहुत आम हो चला है. इससे चंद सेकेंड्स में खाना गर्म हो जाता है और यह टाइम भी खूब बचाता है. कुछ लोग इस टेक्नोलॉजी को काफी नया समझते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आज से सालों पहले भी लोग विशेष तरह के ओवन का लोग इस्तेमाल करते थे. यह बात सौ या दो सौ साल पहले की नहीं हैं बल्कि लाखों साल पहले की है. एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि लाखों साल पहले ही लोग ओवन का इस्तेमाल करते थे हालांकि यह आज के जैसा नहीं था. इस बात का पता रिसर्चर को मछली के दांतों से लगा. इजराइल के एक्सपर्ट्स इरित जोहर का कहना है कि ऐसा नहीं कि प्राचीन समय के लोगों मांस-मछली पकाने के लिए सीधे आग का इस्तेमाल करते थे. इस बात की पूरी संभावना है कि उनके पास मिट्टी से बना ओवन रहा होगा.

एक्सपर्ट्स ने कही ये बात

इरित जोहर का कहना है कि प्रचीन समय के लोगों ने यकीनन खाना पकाने की कला को सिखा होगा. यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि 15 लाख साल पहले ही इंसानों ने पका मांस खाना शुरू कर दिया था. इजरायल के उत्तरी इलाके में इरित ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक शोध किया. यहां पाषाण युग के कुछ यंत्र मिलें. रिसर्चर का मानना है कि इजराइल के इस इलाके में होमो इरेक्टस प्रजाति के लोग रहते थे. यहां इरित को एक दांतों का ढेर मिला जो किसी मछली का था.

इरित जोहर ने किया यह एक्सपेरिमेंट

ह्यूमन फोरेंसिक टेस्ट के जरिए इरित को कुछ जानकारियां मिली. इसके साथ दांतों को हाई टेंपरेचर (900 डिग्री सेल्सियस) तक अलग-अलग तापमान पर गर्म करके देखा गया. रिसर्चर को पता चला कि ये उच्च तापमान के संपर्क में नही आए थे. यानी दांतों को किसी ऐसी चीज में पकाया था जिसका तापमान कंट्रोल किया जा सकता था. इरित द्वारा ऐसे 30 दांतों को परिक्षण किया गया.

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