Gaganyaan Mission: अंतरिक्ष में भारत की सबसे बड़ी छलांग, दुनिया रह जाएगी हैरान; जानिए नए साल में इंडिया का 'सुपर प्लान'
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Gaganyaan Mission: अंतरिक्ष में भारत की सबसे बड़ी छलांग, दुनिया रह जाएगी हैरान; जानिए नए साल में इंडिया का 'सुपर प्लान'

Gaganyaan Astronauts: भारत के 10,000 करोड़ के गगनयान मिशन की साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस मिशन को पूरा करने के लिए साल 2023 में टेस्‍ट फ्लाइट्स सीरीज की शुरूआत की जाएगी.

फाइल फोटो

India Space Mission: दुनियाभर के कई देश अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी दिखाकर स्पेस साइंस में अपना लोहा मनवा रहे हैं. अमेरिका ने हाल ही में आर्टमिस मिशन के जरिए चांद पर एक बार फिर कदम रखने की तैयारी की है. इसके लिए अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने आर्टेमिस-1 लॉन्च किया. आर्टेमिस-1 इस मिशन का पहला चरण था. इसके बाद आर्टेमिस-2 और आर्टेमिस-3 लॉन्च किए जाएंगे. टेक्नोलॉजी वॉर में अमेरिका को पीछे छोड़ने के लिए चीन ने भी स्पेस मिशन की घोषणा की. अब भारत ने भी स्पेस में अपनी क्षमता दिखाने के लिए 'गगनयान मिशन' लॉन्च करने की तैयारी की है. भारत के 10,000 करोड़ के इस मिशन की साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस मिशन को पूरा करने के लिए साल 2023 में टेस्‍ट फ्लाइट्स सीरीज की शुरूआत की जाएगी.

इस मिशन की खास बातें

गगनयान के जरिए भारत इंसानों को स्पेस में भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 7 दिन के लिए स्पेस में भेजा जाएगा. हालांकि इस स्पेसक्राफ्ट को पृथ्‍वी की निचली कक्षा तक ही भेजना तय हुआ है. गगनयान को सफल बनाने के लिए इसरो ने तैयारियां तेज कर दी हैं. नए साल के फरवरी महीने से गगनयान मिशन के लिए टेस्‍ट फ्लाइट्स सीरीज की शुरुआत की जाएगी. इसकी घोषणा इसरो ने इस साल (2022) की 27 अक्टूबर को की थी. यह पहली बार होगा जब इंडियन एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस भेजा जाएगा.

इसरो और DRDO साथ मिलकर करेंगे काम

गगनयान मिशन के शुरुआती दौर में 17 टेस्‍ट फ्लाइट्स की जाएंगी. इस मिशन की सफलता के बाद भारत का नाम उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जो स्पेस में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं. आपको बता दें कि अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही स्पेस में इंसानों को भेजने में सफल हुए हैं. इसके बाद भारत स्पेस में इंसानों को भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा. गौरतलब है कि इस मिशन में ISRO और DRDO साथ मिलकर काम करेंगे.

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