Vikat Sankashti Chaturthi: 8 या 9 अप्रैल, विकट संकष्टी पर रहेगा भद्रा का साया ?; जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व
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Vikat Sankashti Chaturthi: 8 या 9 अप्रैल, विकट संकष्टी पर रहेगा भद्रा का साया ?; जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व

Sankashti Chaturthi Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi 2023) का व्रत रखा जाता है. सनातन धर्म में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को चतुर्थी तिथि समर्पित है. 

गणेश संकष्टी विकट चतुर्थी

Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Shubh Muhurat in Hindi: आज, 7 अप्रैल 2023 से वैशाख माह की शुरुआत हो चुकी है. सनातन धर्म में इस महीने को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है.  हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi 2023) का व्रत रखा जाता है. सनातन धर्म में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को चतुर्थी तिथि समर्पित है. गणेश जी कृपा पाने के लिए  विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi) खास मानी जाती है. बताया जाता है जो भी व्यक्ति इस दिन गणेश जी की पूरे विधिविधान से पूजा-पाठ करता है और व्रत रखता है उसके सभी दुख दूर होते हैं. इस साल संकष्टी चतुर्थी पर भद्रा का साया लग रहा है तो चलिए जानते हैं कि कब है विकट संकष्टी चतुर्थी 2023, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व क्या महत्व है.  

कब है विकट संकष्टी

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 09 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 35 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 10 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर होगा. ऐसे में विकट संकष्टी व्रत का पारण चंद्र देव के दर्शन के बाद किया जाता है. ऐसे में विकट चतुर्थी का व्रत 09 अप्रैल को रखा जाएगा.

चंद्र देव की भी पूजा का होता है महत्व

विकट संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा के अलावा चंद्र देव की भी पूजा का विधान है, इस रात में चंद्र देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस साल 2023 में संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र देव रात 10 बजकर 2 मिनट पर निकलेगा, आप चंद्रोदय के बाद अर्घ्य दें और इसके बाद ही व्रत खोलें. 

विकट चतुर्थी पर भद्रा की साया

विकट चतुर्थी पर 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 35 मिनट तक भद्रा रहेगा. धार्मिक मान्यतानुसार भद्राकाल के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य और धार्मिक पूजा पाठ की मनाही होती है. लेकिन गणपति पूजन में किसी प्रकार का रोक नहीं है. इसलिए भद्रा का गणपति पूजा पर कोई असर नहीं रहेगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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