Shaniwar ke Upay: शनिवार के दिन करें इन 7 मंत्रों का जाप, शनिदेव दूर करेंगे हर समस्या
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Shaniwar ke Upay: शनिवार के दिन करें इन 7 मंत्रों का जाप, शनिदेव दूर करेंगे हर समस्या

Shani Mantra: शनिवार के दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से उनकी कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी. शनिवार के दिन कुछ उपाय करने से आपकी कई परेशानियां दूर होती हैं.

Shaniwar ke Upay: शनिवार के दिन करें इन 7 मंत्रों का जाप, शनिदेव दूर करेंगे हर समस्या

Shaniwar ke Upay: हिन्दू धर्म में सप्ताह के सात दिन देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है. जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे वैसा ही फल देते हैं. शनिदेव की पूजा करने से जीवन के सारे दुख-कष्ट दूर हो जाते हैं. 

 

शनिवार के दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से उनकी कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी. शनिवार के दिन कुछ उपाय करने से आपकी कई परेशानियां दूर होती हैं. आप कुछ मंत्रों का जाप कर शनिदेव की कृपा पा सकते हैं और कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं. आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में.

शनि देव के चमत्कारी मंत्र 

 

1. ॐ शं शनिश्चराय नम:
शनिवार के दिन आप स्नान कर मंदिर में जा कर तेल का दान करें. इसके बाद इस मंत्र का जाप विशेष रूप से करें. इससे आप पर शनिदेव की कृपा हमेशा बनी रहेगी.

 

2.शनि आह्वान मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

 

3. साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने का शनि मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

 

4. शनि गायत्री मंत्र
ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

 

5. शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

 

6. शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ओम शं शनैश्चराय नमः।।

 

7. क्षमा हेतु शनि मंत्र

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।

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