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Sawan Month Rules: राम का नाम जपने से महादेव बहुत प्रसन्न हो जाते हैं और महादेव का नाम जपने से राम की कृपा बरसती है. सावन के महीने में ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि अगर सावन में राम नाम का भी जाप किया जाए तो महादेव बहुत अधिक प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने में कोई कंजूसी नहीं करते हैं.
वहीं यदि राम का अनादर करके शिव भक्ति की तो महादेव की भ्रकुटि तनने लगती है यानी वे नाराज हो जाते हैं. इसके पीछे का रहस्य यह है कि महादेव और श्रीराम दोनों ही एक दूसरे को अपना आराध्य मानते हैं एवं उनकी उपासना करते हैं इसलिए राम नाम जपने वाले की रक्षा भगवान शिव करते हैं और शिव नाम जपने वाले के संकट श्रीराम दूर कर देते हैं.
भगवान श्रीराम ने तो यहां तक कहा है कि जो शिव का द्रोही होगा या शिव का निरादर करने वाला खुद को मेरा भक्त कहता है तो वह मेरी चाहे जितनी भी पूजा कर ले, मुझे सपने में भी नहीं प्राप्त कर सकता है. ऐसे व्यक्ति जो शिव से मुंह मोड़ कर मेरी भक्ति चाहते हैं, वे नरकगामी, मूर्ख और अल्पबुद्धि हैं.
श्रीरामचरित्र मानस में लिखा है -
शिव द्रोही मम भगत कहावा, सो नर सपनेहुँ मोहि न पावा ..
संकर बिमुख भगति चह मोरी, सो नारकी मूढ़ मति थोरी ..
मतलब साफ है कि भोलेनाथ भगवान राम की सेवा से और प्रभु राम भगवान शिव की सेवा से ज्यादा प्रसन्न होते हैं. दोनों को साथ लेकर आराधना की जाए तो पूजा बहुत जल्द सफल होगी. इसीलिए सावन मास में शिव आराधना के साथ श्रीराम के नाम का जाप या श्रीरामचरितमानस का पाठ किया जाए तो महादेव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है.
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