Safala Ekadashi 2022: सफला एकादशी पर बन रहा अद्भुत संयोग, ये उपाय करते ही हर काम में मिलेगी सफलता!
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Safala Ekadashi 2022: सफला एकादशी पर बन रहा अद्भुत संयोग, ये उपाय करते ही हर काम में मिलेगी सफलता!

Saphala Ekadashi 2022: भगवान विष्‍णु को समर्पित सफला एकादशी व्रत और पूजा जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता दिलाते हैं. इस साल सफला एकादशी 19 दिसंबर 2022, सोमवार को पड़ रही है और इस दिन 3 बेहद शुभ योग भी बन रहे हैं.

फाइल फोटो

Safala Ekadashi 2022 Shubh Yog Muhurat: हिंदू धर्म में साल की सभी एकादशी को भगवान विष्‍णु की पूजा करने के लिए विशेष माना गया है. इनमें से एकादशी को खास माना गया है. जैसे पौष महीने के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहा जाता है. मान्‍यता है कि सफला एकादशी का व्रत करने से जातक को हर काम में सफलता मिलती है. भगवान विष्‍णु की कृपा से जीवन में अपार सुख-समृद्धि आती है. इस बार सफला एकादशी 19 दिसंबर 2022, सोमवार को पड़ रही है और इस दिन 3 बेहद शुभ योग बनने का अद्भुत संयोग बन रहा है. 

सफला एकादशी पर ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग 
 
पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानि कि सफला एकादशी के दिन ज्‍योतिष के अनुसार 3 बेहद शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन बुध, शुक्र और शनि ग्रह मिलकर लक्ष्‍मी नारायण योग, बुधादित्‍य योग और त्रिग्रही योग बना रहे हैं. इन तीनों शुभ योगों को वैदिक ज्‍योतिष में बेहद शुभ माना गया है. इस दिन किए गए उपाय तेजी से फल देते हैं. 

सफला एकादशी व्रत 2022 तिथि, शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 19 दिसंबर दिन, सोमवार की सुबह तड़के 03 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 20 दिसंबर, मंगलवार के तड़के 02 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. सफला एकादशी व्रत 19 दिसंबर को रखा जाएगा. वहीं सफला एकादशी व्रत के पारण का समय 20 दिसंबर 2022 की सुबह 8 बजकर 5 मिनट से 9 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. 

सफला एकादशी पर करें ये अचूक उपाय 

- आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो धन प्राप्ति के लिए सफला एकादशी के दिन व्रत रखें. भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की विधि-विधान से पूजा करें. किसी गरीब को सामर्थ्‍य अनुसार दान करें. शाम को पूजा स्थान पर घी का चौमुखी दीपक जलाएं. 

- रोजगार संबंधी समस्‍या दूर करने के लिए सफला एकादशी के दिन दाएं हाथ में जल और पीले फूल लेकर श्री हरि से प्रार्थना करें. गाय के घी का दीपक जलाएं. नारायण कवच का पाठ करें. इसके बाद लगातार 11 दिन तक ये उपाय करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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