ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा के प्रवेश के लिए घर की साफ-सफाई के साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में स्वच्छ भोजन ही बनाएं. घर में रात का बचा हुआ खाना या खराब चीजों को घर से तुरंत बाहर कर देना चाहिए. कहते हैं कि खराब खाने की दुर्गंध से मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं और भक्तों को उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ता है.
घर में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं. घर में टूटी हुी मूर्तियां रखने पूजा से पहले ही घर से बाहर किसी मंदिर में रख आएं या फिर उन्हें बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. कहते हैं कि खंडित मूर्तियां दुर्भाग्य का कारण बनती हैं. ऐसे में मां दुर्गा के आगमन से पहले ही इन्हं हटा दें.
वास्तु शास्त्र में बंद घड़ी को बेहद अशुभ माना गया है. इसलिए किसी भी शुभ कार्य से पहले बंद घड़ी को चालू करवा लें. या फिर अगर घड़ी खराब पड़ी है, तो उसे घर से बाहर निकाल दें. कहते हैं कि शुभ और मांगलिक कार्यों के दौरान बंद घड़ी अशुभ परिणाम देती है. इससे व्यक्ति की तरक्की में रुकावट उत्पन्न होती है.
नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा धरती पर भक्तों के बीच रहती हैं और साधकों की भक्ति से प्रसन्न होकर उनके घर में प्रवेश करती है. इन 9 दिनों पूजा-पाठ के साथ व्रत आदि भी रखे जाते हैं. इस दौरान घर में सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है. सुबह-शाम मां दुर्गा को भोग लगाते हैं. इसलिए इस दौरान घर में प्याज-लहसुन रखने की मनाही होती है. साथ ही, घर में मांस-मदिरा आदि को भी घर से बाहर कर देना चाहिए.
नवरात्रि की शुरुआत से पहले ही घरों में साफ-सफाई की जाती है. कहते हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा लोगों के घरों में प्रवेश करती हैं. मां दुर्गा उन्हीं घरों में प्रवेश करती हैं, जहां पर साफ-सफाई और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. घर में मां दुर्गा के प्रवेश से पहले घर में मौजूद फटे-पुराने जूते-चप्पल घर से बाहर निकाल दें. मान्यता है कि इनकी वजह से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है. साथ ही, रसोई घर से टूटे-फूटे बर्तनों को भी बाहर निकाल दें.
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