ऐसा चमत्कार नहीं देखा होगा आपने, कृष्णा नदी में मिली हू-ब-हू रामलला की विशेषताओं वाली प्राचीन मूर्ति
Advertisement
trendingNow12098114

ऐसा चमत्कार नहीं देखा होगा आपने, कृष्णा नदी में मिली हू-ब-हू रामलला की विशेषताओं वाली प्राचीन मूर्ति

Lord Vishnu Idol: कर्नाटक के रायचूर जिले के एक गांव में स्थित कृष्णा नदी से भगवान विष्णु की बहुत ही पुरानी मूर्ति मिली है, जो कि अयोध्या के रामलला की मूर्ति से काफी मेल खाती है. प्राचीन विग्रह पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार नदी से मिली ये मूर्ति 11वीं या 12वीं शताब्दी की हो सकती है. 

 

lord vihsnu idol in krishna river

Ayodhya Ramlala Idol: कर्नाटक के रायचूर जिले में स्थित कृष्णा नदी से भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति मिली है. बताया जा रहा है कि ये प्रतिमा अयोध्या में नवनिर्मित रामलाल की प्रतिमा से काफी मिलती-जुलती है. ऐसा माना जा रहा है कि यह प्राचीन विग्रह पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार 11वीं या 12वीं शताब्दी का हो सकता है.  रामलला की प्रतिमा की तरह भगवान विष्णु की इस मूर्ति में भी प्रभामंडल के चारों ओर दशावतारों को उकेरा गया है. 

सूत्रों के अनुसार इस अनूठे संयोग में सबसे अद्भुत बात यह है कि ये हजारों साल पुरानी प्रतिमा का रंग-रूप और स्वरूप अयोध्या में बनी रामलला से काफी मिलता है.  वहीं, ऐसा भी बताया जा रहा है कि भगवान विष्णु इस विग्रह के साथ भगवान एक प्राचीन शिवलिंग भी मिला है. 

किसी मंदिर के गर्भगृह का होगी हिस्सा

रायचूर यूनिवर्सिटी में प्राचीन इतिहास और पुरातत्व की लेक्चरर डा.पद्मजा देसाई ने भगवान विष्णु की प्रतिमा के संबंध में बताया कि यह निश्चित रूप से एक मंदिर के गर्भगृह का हिस्सा रही होगी. संभवत: इसे मंदिर में हुई तोड़फोड़ से बचाने के लिए नदी में डाला गया होगा. इस प्रतिमा को थोड़ी क्षति पहुंची है। विग्रह की नाक थोड़ी क्षतिग्रस्त है. 

भगवान विष्णु की प्रतिमा पर है विशेष नक्काशी

डॉ. देसाई ने बताया कि पाई गई भगवान विष्णु की प्रतिमा में विशेष नक्काशी की गई है. वहीं, प्रभामंडल पर भगवान विष्णु के दशावतारों को उकेरा गया है. बताया जा रहा है कि उस पर मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिम्हा, वामन, राम, परशुराम, कृष्ण, बुद्ध और कल्की अलंकृत हैं. और भगवान विष्णु की खड़ी प्रतिमा के चार हाथ हैं. इसमें दो हाथ ऊपर की ओर उठे हुए हैं और उनमें शंख और चक्र से है. वहीं, नीचे की ओर सीधे किए दो हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हैं. बता दें कि इनमे एक कटि हस्ट और दूसरा वरद हस्त है.  

सूत्रों के मुताबिक इस विग्रह पर गरुड़ का चित्रण नहीं है. जबकि विष्णु प्रतिमा में गरूड़ होते हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि ये विग्रह ग्रंथों में उल्लेखित भगवान वेंकेटेश्वर से मिलती-जुलती है. देसाई ने ये बताते हुए आगे बताया कि भगवान विष्णु जी को साज-सज्जा पसंद है इसलिए उन्हें मालाओं और आभूषणों से अलंकृत किया गया है.   

 

Trending news