Vinayak Chaturthi 2022: भगवान गणेश की पूजा करने से हर विघ्न दूर हो जाते हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. गणपित बप्पा की खासकर गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा करने से आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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Ganesh Chaturthi 2022 Date and Timing: भगवान गणेश सभी देवी-देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं. घर में कोई भी शुभ या मंगल कार्य तो सबसे पहले गणपित बप्पा की ही पूजा की जाती है. उनके आशीर्वाद से सभी कार्य सिद्ध होते हैं. भगवान गणपति सभी तरह के विघ्नों को दूर करते हैं, इसलिए उनको विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. हर माह की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है. इसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
शुभ मुहूर्त
हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस बार यह तिथि 26 दिसंबर के दिन यानी कि सोमवार को पड़ रही है. गणेश चतुर्थी 26 दिसंबर सुबह 4 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और 27 दिसंबर रात 1 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी.
सर्वार्थ सिद्धि योग
हिंदू पंचाग के अनुसार, उदयातिथि के मुताबिक 26 दिसंबर को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 45 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस दौरान पूजा करने से सभी तरह के दोष दूर होते हैं.
पूजन विधि
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है. इस दिन प्रातकालः सुबह जल्द उठकर स्नान करें. इसके बाद पूजा वाले स्थान पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर गणेश जी प्रतिमा स्थापित करें. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और फिर गणेश जी को रोली, चंदन और अक्षत का तिलक करें.उन्हें दूर्वा अर्पित करें और 21 लड्डूओं का भोग लगाएं. दिन में फलाहार कर सकते हैं. रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)