Astro: ज्योतिष में जन्म कुंडली में लग्न को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. लग्न के अनुसार ही व्यक्ति के जीवन की दशा और दिशा तय होती है. कुंडली के 12 भावों में नवम भाव का महत्व कुछ अलग बताया गया है क्योंकि यह नवम भाव ही भाग्य का स्थान है.
Trending Photos
Jyotish: ज्योतिष में जन्म कुंडली में लग्न को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. लग्न के अनुसार ही व्यक्ति के जीवन की दशा और दिशा तय होती है. कुंडली के 12 भावों में नवम भाव का महत्व कुछ अलग बताया गया है क्योंकि यह नवम भाव ही भाग्य का स्थान है.
भाग्य भाव का महत्व
भाग्य भाव यानी जीव के प्रारब्ध के साथ उस पर प्रभु की कृपा. जिसकी कुंडली में यह भाव मजबूत होता है वह बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है. व्यक्ति धन विद्या, भूमि और परिवार का अभाव तो सहन कर लेता है, लेकिन नवम भाव अर्थात भाग्य का साथ न हो तो जीवन बहुत ही कठिन हो जाता है. आइए जानते हैं सिंह और कन्या लग्न वालों का भाग्य कैसा होता है.
सिंह राशि
सिंह राशि वालों का भाग्य अक्सर जन्म से ही फलित होने लगता है. कुंडली में मंगल कर्म भाव से संबंध बना ले तो फिर उस व्यक्ति का फ्यूचर बहुत ही ब्राइट हो जाता है. सभी कार्यों में इनकी ऊर्जा को देखा जा सकता है, यदि यह ठान ले तो कठिन से कठिन कार्य को पूरा कर लेते हैं. मंगल को मजबूत करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. परिवार की बात करें तो बड़े भाई के साथ ही उनके तुल्य लोगों को प्रसन्न रखना चाहिए क्योंकि उनकी नाराजगी भाग्य को फलित होने में व्यवधान डाल सकती है.
यह भी पढ़ें: Astrology: मेहनत के बाद भी नहीं मिल रही सफलता और धनलाभ? चंद्र ग्रह का हो सकता विशेष योग, करें ये उपाय
कन्या राशि
कन्या वालों को मेहनत करके ही अपने भाग्य को जगाना होता है. वह जितना अधिक परिश्रम करेंगे भाग्य उनका उतना ही अधिक साथ देगा. मेहनत और लोगों के साथ तालमेल बैठाने की प्रवृत्ति आपको उच्च स्थान तक ले जाती है. जो लोग विदेशी कंपनियों में सेल्स मैनेजर की पोस्ट में हैं, वह इन दो ग्रहों के प्रभाव से बड़े गोल को पा सकते हैं. वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह होता है. शुक्र को मजबूत करने के लिए देवी उपासना करनी चाहिए. कठिन परिश्रम और दैवीय कृपा से इनका भाग्योदय होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)