Noida Property Update: नोएडा में 10 में से 4 फ्लैट की हुई रज‍िस्‍ट्री, प्राध‍िकरण ने जारी की डिफॉल्टर्स की लिस्ट
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Noida Property Update: नोएडा में 10 में से 4 फ्लैट की हुई रज‍िस्‍ट्री, प्राध‍िकरण ने जारी की डिफॉल्टर्स की लिस्ट

Noida Authority: शहर में महज 40 प्रत‍िशत फ्लैट की ही रज‍िस्‍ट्री हुई है. नोएडा अथॉरिटी की तरफ से इस बात की जानकारी अपनी वेबसाइट पर शेयर की गई है. नोएडा अथॉरिटी की तरफ से अपलोड क‍िए गए डाटा के अनुसार साल 2016-17 तक 115 प्रोजेक्ट में 1.3 लाख फ्लैट्स को मंजूरी दी गई थी.

Noida Property Update: नोएडा में 10 में से 4 फ्लैट की हुई रज‍िस्‍ट्री, प्राध‍िकरण ने जारी की डिफॉल्टर्स की लिस्ट

Defaulter Builders: ग्रेटर नोएडा में प्राध‍िकरण के ब‍िल्‍डर्स पर बकाये को लेकर कई बार मीड‍िया में खबरें आई हैं. लेक‍िन नोएडा में भी अब यही स्‍थ‍िति सामने आ रही है. ब‍िल्‍डर्स पर अथॉर‍िटी के बकाये का सबसे ज्‍यादा नुकसान फ्लैट खरीदारों को हो रहा है और सालों बाद भी उनके फ्लैट की रज‍िस्‍ट्री नहीं हो पा रही. शहर में महज 40 प्रत‍िशत फ्लैट की ही रज‍िस्‍ट्री हुई है. नोएडा अथॉरिटी की तरफ से इस बात की जानकारी अपनी वेबसाइट पर शेयर की गई है. नोएडा अथॉरिटी की तरफ से अपलोड क‍िए गए डाटा के अनुसार साल 2016-17 तक 115 प्रोजेक्ट में 1.3 लाख फ्लैट्स को मंजूरी दी गई थी.

महज 56,790 फ्लैट की ही रज‍िस्‍ट्री हुई
मंजूरी द‍िए गए 1.3 लाख फ्लैट्स में से महज 56,790 फ्लैट की ही रज‍िस्‍ट्री हुई है. 115 प्रोजेक्ट में से 89 यानी डिफॉल्टर हैं और उन पर प्राध‍िकरण का 26,000 करोड़ रुपये का बकाया है. 24 प्रोजेक्ट ही ऐसे हैं, ज‍िन्‍होंने पूरा पैसा चुका द‍िया है. 24 प्रोजेक्ट में से केवल 15 को ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC) मिला है. ऐसा इसल‍िए है क्‍योंक‍ि कई प्रोजेक्ट में सभी सुव‍िधाओं को अभी तक पूरा नहीं क‍िया गया है. यही कारण है क‍ि फ्लैट खरीदार बिल्डर्स के खिलाफ धरना-प्रदर्शन देते हैं.

पांच साल में क‍िसी नए प्रोजेक्‍ट को मंजूरी नहीं
नोएडा में साल 2016-17 से लेकर 2021-22 तक क‍िसी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी गई. प‍िछले फाइनेंश‍ियल ईयर में कुछ नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Ltd) के विश टाउन (Wish Town) में 15 प्रोजेक्ट में 30,000 फ्लैट्स बनने हैं. यह डिफॉल्टर्स की लिस्ट में शामिल नहीं है. यूनिटेक (Unitech) यहां पर सबसे बड़ा डिफॉल्टर है. इसे सरकार की तरफ से नियुक्त बोर्ड चला रहा है. 89 डिफॉल्ट प्रोजेक्ट्स में से 15 एनसीएलटी में हैं.

डिफॉल्टर के मामले में दूसरे नंबर पर आम्रपाली (Amrapali) है. आम्रपाली के प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनबीसीसी (NBCC) की तरफ से पूरा क‍िया जा रहा है. यूनिटेक पर प्राध‍िकरण का बकाया 9,760 करोड़ रुपये है. इनमें से 6,594 करोड़ रुपये सेक्टर 96, 97 और 98 के प्रोजेक्ट का है. सेक्टर-117 के प्रोजेक्ट का 1,754 करोड़ और सेक्‍टर-113 और 114 के प्रोजेक्ट का 1,412 करोड़ रुपये बकाया है.

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