Moon Craters Reason: आसमान में चमकता चांद देखने में जितना खूबसूरत लगता है, पास में उतना ही बदसूरत है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चांद की सतह उबड़खाबड़ है और उनमें अनगिनत गड्ढे हैं. लेकिन धरती पर ऐसा नहीं है. क्या आप इसकी वजह जानते हैं. चलिए आपको बताते हैं.
चांद पर गड्ढे होने की वजह ये है कि क्योंकि इससे लगातार बाहरी वातावरण की चीजें टकराती रहती हैं. ये एस्टेरॉयड्स या धूमकेतू के टुकड़े होते हैं, जो सोलर सिस्टम के आसपास घूमते रहते हैं. जब ये चांद की सतह से टकराते हैं, तब उसका असर पड़ता है.
चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है, इसलिए एक छोटी सी चट्टान भी गड्ढा बना सकती है. आम तौर पर जब आप प्रभाव गड्ढा देखते हैं, तो गड्ढे का आकार उस चट्टान के आकार से बहुत बड़ा होता है जिसने इसे बनाया है. चट्टान आमतौर पर कम से कम तीन से पांच गुना छोटी होती है, जो पैदा हुई ऊर्जा की मात्रा पर निर्भर करती है.
दरअसल, अब आप हाल ही में बने गड्ढों का पता लगा सकते हैं क्योंकि वैज्ञानिकों के पास चंद्रमा की ऐसी अद्भुत हाई-रेजॉल्यूशन वाली तस्वीरें हैं. आप पिछले 10 या 20 सालों में बने गड्ढों का पता लगा सकते हैं.
चांद पर एक मशहूर क्रेटर को टाइको कहा जाता है. मून ऑर्बिटर से ली गई तस्वीर ऊपर से नीचे की कहानी बताती है, जिसमें आप एक सुंदर गोलाकार रिंग, क्रेटर का किनारा देख सकते हैं. उस रिंग के अंदर, फर्श थोड़ा दबा हुआ है, और ठीक बीच में एक छोटा सा छायादार क्षेत्र है जिसे सेंट्रल पीक या इम्पैक्ट पीक कहा जाता है.
अगर आप किसी गड्ढे के सेंटर में उस संरचना को देखते हैं, तो यह एक इशारा है कि यह एक प्रभाव से बना गड्ढा है. जब बाहरी अंतरिक्ष से कोई चट्टान सतह से टकराती है, तो उसमें इतनी एनर्जी होती है कि वह वास्तव में सतह को हिला देती है और कुछ अन्य सामग्री को अंतरिक्ष में फेंक देती है. चूंकि चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं है, इसलिए सामग्री बस उड़ जाती है और शुरुआती टक्कर से कुछ दूरी पर गिर जाती है.
चांद की सतह पर गड्ढे इसलिए भी हैं क्योंकि अतीत में चांद पर ज्वालामुखी भी थे. ज्वालामुखी भी गड्ढों का निर्माण करते हैं. जब ज्वालामुखी फटता है तो मलबा बाहर आता है और यह चारों तरफ फैलकर थोड़ा दूर गिर जाता है. ज्वालामुखी के गड्ढे भी गोल होते हैं और भी बाहरी चीजों के प्रभाव से बने गड्ढों की तरह दिखते हैं.
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