Hezbollah Chief Hassan Nasrallah: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने इजरायल को जंग की खुली धमकी दी है. नसरल्लाह ने लेबनान में बड़े पैमाने पर बमबारी के लिए इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है. गुरुवार को नसरल्लाह ने कहा, 'हमें बहुत बड़ा और गंभीर झटका लगा है. दुश्मन ने सारी हदें पार कर दी हैं.' हसन नसरल्लाह को लेबनान का 'सबसे ताकतवर व्यक्ति' माना जाता है. लेकिन वह ईरान का इतना खास और इजरायल के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक बना कैसे, जानिए हसन नसरल्लाह के बारे में.
हसन नसरल्लाह को उसके शिया समर्थक किसी फरिश्ते की तरह देखते हैं. नसरल्लाह के शिया आंदोलन ने 2006 में इजरायली सैनिकों के खिलाफ विनाशकारी युद्ध लड़ा था. उसके बाद से नसरल्लाह को सार्वजनिक रूप से शायद ही कभी देखा गया हो. 64 साल के हसन नसरल्लाह ने गुरुवार के भाषण में लेबनान में हमलों के लिए इजरायल को दोषी ठहराया.
हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त, 1960 को बेरूत के एक गरीब इलाके में हुआ था. वह नौ बच्चों में से एक था. नसरल्लाह ने इराक के पवित्र शिया शहर नजफ़ में तीन साल राजनीति और इस्लामी धर्मग्रंथों का अध्ययन किया. 1978 में, जब सुन्नी सरकार ने शियाओं को निशाना बनाना शुरू किया, तो नसरल्लाह को निष्कासित कर दिया गया. यहीं से नसरल्लाह ने लेबनान की राजनीति में दिलचस्पी लेना शुरू किया. उसने लेबनान में गृहयुद्ध के दौरान अमल मिलिशिया में शुरुआती अनुभव हासिल किया.
1982 में जब इजरायली सैनिकों ने बेरूत पर हमला किया, तो नसरल्लाह ने खुद को अमल से अलग कर लिया. उसी साल हिजबुल्लाह की सह-स्थापना की. 1992 में, अब्बास अल-मुसावी की मृत्यु के बाद, सिर्फ 32 साल की उम्र में हसन नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का महासचिव चुना गया. मुसावी इजरायल के हवाई हमले में मारा गया था.
1990 में जब 15 साल चला लेबनानी गृहयुद्ध खत्म हुआ तो हिजबुल्लाह इकलौता गुट था जिसने अपने हथियार बरकरार रखे थे. मई 2000 में इजरायल ने हिजबुल्लाह के लगातार हमलों के कारण दक्षिणी लेबनान से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया. सीमा पर 22 साल से चल रहा इजरायली कब्जा खत्म हुआ तो लेबनान और पूरे अरब वर्ल्ड में नसरल्लाह को 'कल्ट फिगर' का दर्जा मिला.
2006 में, जब संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से इजरायल के साथ संघर्ष-विराम की घोषणा हुई तो नसरल्लाह की व्यक्तिगत लोकप्रियता चरम पर थी. अरब जगत में समर्थकों ने नसरल्लाह की तस्वीर वाले पोस्टर बांटे थे. नसरल्लाह के कार्यकाल में, हिजबुल्लाह एक गुरिल्ला गुट से लेबनान का सबसे ताकतवर संगठन बन गया है.
हसन नसरल्लाह शादीशुदा हैं. उसकी पत्नी का नाम फातिमा यासीन है. दोनों के चार बच्चे हैं. नसरल्लाह के सबसे बड़े बेटे, हादी की 1997 में दक्षिणी लेबनान में इजरायली सेना के खिलाफ सैन्य अभियान के दौरान मौत हो गई थी.
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