Surya Grahan Time in India: ज्योतिषियों ने बताया है कि यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लग रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है. साथ ही, सूर्य और शनि के बीच बन रहे षडाष्टक योग और राहु की सूर्य पर दृष्टि देश-दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. इस सूर्य ग्रहण का सटीक समय भी नोट कर लीजिए.
साल 2024 का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण लग गया है. इस ग्रहण का असर क्या होगा और यह आपके लिए कैसा होगा, इसे भी जानना जरूरी है. इस सूर्य ग्रहण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पर तो विद्वान लोग चर्चा कर ही रहे हैं लेकिन इससे पहले इस सूर्य ग्रहण का सटीक समय क्या है इसे जान लेते हैं. साथ ही भारत में इसका क्या प्रभाव है इसे भी नोट कर लीजिए.
सूर्य ग्रहण बुधवार रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. यह 9 साल बाद हो रहा है जब सूर्य ग्रहण के साथ सर्वपितृ अमावस्या और गजच्छाया योग का संयोग बन रहा है.
भारत के लिए अच्छी बात है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. हिंदू धर्म-शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसमें पूजा-पाठ वर्जित होता है. लेकिन यह नियम केवल तभी लागू होता है जब ग्रहण किसी विशेष स्थान पर दिखाई दे. चूंकि इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा और धार्मिक अनुष्ठानों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
लेकिन विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोग इस पर नजर रख रहे हैं. यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भाग, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा.
सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान जरूर करना चाहिए. इससे ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचाव होगा. सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में झाड़ू लगाएं. घर में गंगाजल भी छिड़कें. अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें.
इसके साथ ही सूर्य ग्रहण के बाद चना, गेहूं, गुड़, केले, दूध, फल और दाल आदि का दान करें. इससे जातक को कामों सफलता प्राप्त होती है और सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचाव होता है.
क्या होता है सूर्यग्रहण? जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, तो उसकी छाया पृथ्वी पर पड़ती है. इस स्थिति में, पृथ्वी पर कुछ हिस्सों में सूर्य पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है. इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं. सूर्य ग्रहण के दौरान, आकाश अंधेरा हो जाता है और तापमान में भी कमी आ सकती है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़