Varun Gandhi BJP News: पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी को इस बार भाजपा का टिकट नहीं मिला है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि वरुण निर्दलीय लड़ सकते हैं. वह पर्चे पहले ही खरीद चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा से बगावत करने के बाद क्या वरुण अपने मिशन में कामयाब हो पाएंगे? आगे कुछ बड़े नाम देखिए जिन नेताओं ने भाजपा छोड़ी, राजनीति में उनका क्या हाल हुआ.
ऐसा कहा जाता है कि कल्याण सिंह ने बीजेपी न छोड़ी होती तो अटल और आडवाणी के बाद पार्टी के सबसे बड़े नेता होते. हिंदूवादी नेता ने दिसंबर 1999 में पार्टी छोड़ी थी. राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई. हालांकि 2004 में फिर लौटना पड़ा. 2009 में एक बार फिर इस्तीफा दिया, फिर लौटे. बाद में राजस्थान के राज्यपाल भी रहे. कुछ साल पहले उनका निधन हो गया.
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री हुआ करते थे. हालांकि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद वह उसके फैसलों पर ही सवाल उठाने लगे. 2018 में उन्होंने बीजेपी छोड़ दी. टीएमसी में शामिल हुए. विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए गए लेकिन हार गए.
वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे अरुण शौरी बाद में भाजपा के खिलाफ बगावत कर बैठे. उन्होंने भाजपा को चुनावी मशीन कहा. बताते हैं कि वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री बनना चाहते थे. बाद में भाजपा ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह पार्टी के सदस्य नहीं हैं. इस तरह अरुण शौरी राजनीतिक मंच से उतर गए.
केशुभाई पटेल गुजरात में बीजेपी के बड़े नेता थे. 2012 में इस्तीफा देकर गुजरात परिवर्तन पार्टी बनाई थी लेकिन विधानसभा चुनाव में कोई कमाल नहीं कर सके. 2014 में उन्हें पार्टी का विलय भाजपा में करना पड़ा. कुछ साल पहले उनका निधन हो गया.
शंकर सिंह वाघेला गुजरात भाजपा के बड़े नेता रहे हैं. 1996 में पूर्व सीएम ने नई पार्टी बनाई. बाद में पार्टी का कांग्रेस में विलय किया. कुछ साल बाद कांग्रेस भी छोड़ दी. 2017 में नई पार्टी के नाम से चुनाव लड़ा लेकिन एक सीट नहीं मिली. फिलहाल राजनीति से दूर हो गए हैं.
यूपी के बहराइच से भाजपा की सांसद रहीं सावित्री बाई फुले ने 2018 में इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस में गईं लेकिन जल्द ही वहां से भी निकलना पड़ा. सावित्री बाई फुले अब कांशीराम बहुजन मूलनिवासी पार्टी (Kanshiram Bahujan Moolniwasi Party) की अध्यक्ष हैं. राष्ट्रीय राजनीति से दूर और यूपी की सियासत में अपनी सियास जमीन मजबूत करने में जुटी हुई हैं.
यूपी के बड़े ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य वैसे तो कई पार्टियों में रहे हैं लेकिन भाजपा से निकलने के बाद राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया. कुछ दिन पहले उन्होंने सपा से भी इस्तीफा दे दिया था. वह अब अलग-थलग पड़ गए हैं. उन्होंने अब राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी बनाई है.
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