IAS Laghima Tiwari: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवार टफ कॉम्पिटिशन की वास्तविकता से जूझते हैं, जिसके कारण कई लोग आईएएस, आईपीएस या आईएफएस ऑफिसर के प्रतिष्ठित पद पर बैठने की अपनी आकांक्षाओं को पूरी करने की कोशिश भी छोड़ देते हैं.
यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लाखों की आबादी का केवल एक छोटा सा हिस्सा ये प्रतिष्ठित पद हासिल करने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में कामयाब होता है.
गाइडेंस के लिए यूपीएससी उम्मीदवार कोचिंग सेंटर्स का रुख करते हैं, जहां तैयारी के लिए अच्छी-खासी फीस भी खर्च करते हैं.
हालांकि, इन लाखों दावेदारों के बीच कुछ ऐसे चुनिंदा प्रतिभाशाली लोग भी मौजूद हैं, जो बाधाओं को चुनौती देते हुए बिना किसी कोचिंग के अपने पहले ही प्रयास में कठिन यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हैं.
ऐसा ही एक उदाहरण हैं आईएएस ऑफिसर लघिमा तिवारी. इनका संघर्ष और सफलता तक पहुंचने का सफर उन लोगों के लिए मोटिवेशन है, जो सेल्फ-स्टडी करके कामयाबी पाने पर डाउट रखते हैं.
राजस्थान के अलवर से आने वालीं लघिमा ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. साल 2021 में कॉलेज की पढ़ाई के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की.
उनकी स्ट्रेटेजी में सामान्य अध्ययन में महारत हासिल करने के साथ ही और सेल्फ-स्टडी के माध्यम से समसामयिक मामलों से अवगत रहना शामिल था. यूट्यूब समेत विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर शेयर किए गए यूपीएससी टॉपर्स के अनुभवों से मोटिवेशन लेते हुए, लघिमा ने अपनी तैयारी की.
लघिमा ने 2022 में अपने पहले प्रयास में 19वीं रैंक हासिल करके यूपीएससी के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया. अपनी सफलता के बारे में बताते समय वह एक दृढ़ मानसिकता विकसित करने के सबसे ज्यादा महत्व पर जोर देती हैं. इसके अलावा वह अपनी सफलता का क्रेडिट अपने पेरेंट्स अटूट सपोर्ट को देती है.
लघिमा ने इस कहावत को पूरी तरह से चरितार्थ कर दिया कि अटूट दृढ़ संकल्प और मेहनती प्रयास के साथ सबसे ऊंचे लक्ष्यों को भी हासिल किया जा सकता है.
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