Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी कैंडिडेट्स की लिस्ट आते ही बगावत का सिलसिला शुरू हो गया. पार्टी ने हिसार सीट से फिर डॉ कमल गुप्ता को उतारा है जो यहां से लगातार दो बार जीत चुके हैं. गुप्ता को हिसार से उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान कर चुके बीजेपी के जिला सचिव तरुण जैन ने गुरुवार को बीजेपी से इस्तीफा देने की घोषणा की. हिसार से टिकट की रेस में कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल भी थीं. सावित्री जिंदल, भारत की सबसे अमीर महिला हैं. फोर्ब्स मैगजीन के अनुसार, सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 39.5 बिलियन डॉलर है.
सावित्री जिंदल की गिनती देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में होती है. फोर्ब्स के अनुसार, वह भारत के 10 सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में शामिल इकलौती महिला हैं. सावित्री जिंदल, ओपी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन एमेरिटस हैं. 2005 में ओपी जिंदल के निधन के बाद वह समूह की मुखिया बनीं. कारोबार से इतर, सावित्री जिंदल ने 2005 में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा. वह हिसार सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची. 2009 में वह फिर चुनाव जीतीं. 2013 में उन्हें हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
बीजेपी ने बुधवार रात को टिकटों की घोषणा की, अगली सुबह सावित्री जिंदल हिसार पहुंच गईं. वहां जिंदल चौक स्थित आवास पर जमा समर्थकों से मुखातिब होकर कहा कि चुनाव जरूर लड़ेंगी. बैठक के दौरान सभी समर्थकों ने कहा कि 'बीबी जी (सावित्री जिंदल) आगे बढ़िए, हम आपके साथ हैं' और उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया. इसके बाद, जिंदल ने समर्थकों से कहा कि वह उनके आदेश का पालन करेंगी.
सावित्री जिंदल ने कहा कि उन्होंने बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है, बल्कि कुरुक्षेत्र में बेटे नवीन जिंदल और हिसार में रणजीत सिंह चौटाला के लिए प्रचार किया था. उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा से नाराज नहीं हूं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जो निर्णय लिया है, उसे स्वीकार करना चाहिए और यह बहुत अच्छी बात है.' सावित्री ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है और जीत कर वह 'हिसार के बचे हुए काम' को पूरा करना चाहती हैं.
अभी तक यह साफ नहीं है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी या कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी से. मीडिया से बात करते हुए सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार उनका परिवार है और परिवार कह रहा है कि 'मुझे यह चुनाव लड़ना ही होगा, मुझे उनकी बात तो सुननी ही पड़ेगी.'
जब उनसे कांग्रेस से टिकट मिलने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में भी समर्थक ही फैसला करेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 'मैंने कांग्रेस कभी नहीं छोड़ी. अगर बिना कोई कागज भेजे इस्तीफा स्वीकार हो गया हो तो मुझे मालूम नहीं.'
सावित्री के बेटे और कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल ने एक इंटरव्यू में कहा है कि 'मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मैं अपनी मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं.'
उन्होंने कहा, 'मेरी मां के 4 बेटे और 5 बहनें हैं, हम कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं. इसके अलावा पूरा हिसार मेरा परिवार है. मेरे पिता और मेरी मां का हिसार लंबे समय से कार्यक्षेत्र है, यहां के लोग भी उनका परिवार है. इस कारण से मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा.'
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